उत्तराखण्ड और हिमालयी राज्यों के लिए आदर्श बनेगा चंपावत : धामी
चंपावत को आदर्श जिले के रूप में विकसित करने में यूकोस्ट की होगी अहम भूमिका
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मॉडल जिले के रूप में विकसित किया जा रहा चंपावत न केवल उत्तराखण्ड के लिए बल्कि सभी हिमालयी राज्यों के लिए एक आदर्श बनेगा। चंपावत के विकास के लिए किए जा रहे इनोवेटिव प्रोजेक्टस देश के सभी पर्वतीय राज्यों और जिलों के लिए गाइड लाइन का काम करेंगी। चंपावत जिले को मॉडल जिले के रूप में विकसित करने में लगे जिला प्रशासन के साथ ही सभी सम्बन्धित स्टेकहोल्डर्स को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस सम्बन्ध में अभी तक हुए डॉक्यूमेंटेशन को शत प्रतिशत धरातल पर उतारा जाए तथा इसकी निरन्तर निगरानी की जाय।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में चंपावत जिले में किये गये विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय भारत सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा चंपावत में जाकर तैयार की गई चंपावत की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप विकास की संभावना, साइंस एवं टेक्नोलॉजी के आधार पर विकास की संरचना पर अधारित पुस्तिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने चंपावत की विभिन्न भौगोलिक स्थिति पर आधारित ऑनलाइन डैशबोर्ड, जनपद चंपावत के अंतर्गत चल रही विभिन्न विभागीय योजनाओं की प्रगति पर आधारित ऑनलाइन डैशबोर्ड का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के ऑनलाइन डैशबोर्ड उत्तराखंड राज्य में बड़े स्तर पर भी विकसित किए जाएंगे। आगामी समय में चंपावत जिले के अंतर्गत कई बड़े प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू करने की योजना है। कहा कि चंपावत को आदर्श जिले के रूप में विकसित करने में यूकोस्ट की अहम भूमिका है। संपूर्ण हिमालय राज्यों में उत्तराखंड आदर्श राज्य बने इस पर भी तीव्र गति के साथ कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चंपावत प्राकृतिक सौंदर्य, स्वच्छ पर्यावरण एवं मंदिरों से आच्छादित है। इन्हीं सब में संभावनाएं खोज कर हमें विकास की नई ऊंचाइयों को छूना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साइंस एवं टेक्नोलॉजी के माध्यम से जनपद चंपावत के अंदर किस प्रकार विकास को स्थापित कर सकते हैं इस पर भी योजनाएं बनाई जाए। कहा कि कृषि, बागवानी, स्वास्थ्य शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस मौके पर महानिदेशक यूकोस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, अतिरिक्त सचिव प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय डॉ. प्रीति बेजल, राहुल नायर, प्रो. आर.एम पंत, कुलपति, असम केंद्रीय विश्वविद्यालय, वी.सी के माध्यम से जिलाधिकारी चंपावत नरेंद्र सिंह भंडारी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।