आखिरी सांसें गिन रहा राजकीय हाईस्कूल पाटीसैंण का जीर्ण-शीर्ण भवन
शिकायत के बाद भी विद्यालय भवन मरम्मत की नहीं ली जा रही सुध
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : भले ही सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के दावे कर रही हो। लेकिन धरातल की स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है। हालत यह है कि राजकीय हाईस्कूल पाटीसैंण का भवन कई वर्षों से जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़ा हुआ है। बावजूद इसके भवन मरम्मत की सुध नहीं ली जा रही है। जबकि, अभिभावक कई बार शासन से भवन मरम्मत की मांग भी उठा चुके हैं। सबसे अधिक खतरा बरसात के समय बना रहता है।
अस्सी के दशक में राजकीय हाईस्कूल पाटीसैंण के भवन का निर्माण करवाया गया था। लेकिन, वर्तमान में यह भवन पूरी तरह जर्जर हालत में पहुंच चुका है। विद्यालय भवन की छत का प्लास्टर लगातार झड़ रहा है। दीवारों पर जगह-जगह दरारें पड़ी हुई हैं। हल्की बरसात होने पर ही छत से पानी टपकने लगा है। इससे विद्यार्थियों को करंट का खतरा बना रहता है। दरवाजे व खिड़कियां पूरी तरह टूट चुकी हैं। दुर्घटना के डर से अभिभावक बच्चों को बरसात में स्कूल भेजने से भी डरते हैं। ग्राम सभा ग्वाड के प्रधान सुधीर कोहली ने बताया कि वर्तमान में विद्यालय में करीब 54 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। कहा कि बीडीसी बैठक में विद्यालय भवन निर्माण का प्रस्ताव लाया गया है। उम्मीद है जल्द ही भवन मरम्मत का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। विद्यालय से सेवानिवृत्त हुए प्रभारी प्रधानाचार्य आरएस डेविड ने बताया कि वह इस संबंध में कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं।