कोटद्वार-पौड़ी

उक्रांद ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: उत्तराखंड क्रांति दल ने कोटद्वार क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान पदाधिकारियों ने सरकार से जल्द व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की मांग उठाई।
यूकेडी के अध्यक्ष डा. शक्ति शैल कपरवाण के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया है। जिसमें जग दीपक सिंह रावत, प्रवेश चंद्र नवानी ,पुष्कर सिंह रावत ,सर्वेंद्र काला, विनोद चौधरी श्रवण सिंह रावत ,भारत मोहन काला सम्मिलित है। डा.शक्ति शैल कपरवाण ने कहा कि मालिनी खोह,सुखरौ, नदी व ग्वालगढ़, पनियाली स्रोत, गेवईं स्रोत,तेली स्रोत के तटीय क्षेत्रों में बसे सैकड़ो परिवारों को आवास क्षति, भूमि क्षति की पीड़ा सहन करनी पड़ी है। कपरवाण ने कहा कि कोठला में विष्णु प्रयाग श्रीनगर, मुजफ्फरनगर ट्रांसमिशन लाइन जो 400 हेवी पावर की है। उसका टावर नंबर 443 मालिनी नदी के किनारे स्थित है। मालिनी नदी के तेज बहाव से टावर की जड़े काफी कमजोर हो रही हैं। यदि यह टूटा तो कई किलोमीटर तक बिजली का करंट फैल सकता है। भगत सिंह राव कोटला ग्राम निवासी भगत सिंह रावत और कैलाश चंद्र आदि गांव वासियों ने बताया कि वह रात भी भय के मारे सोते तक नहीं हैं। गांव में भारी भय व्याप्त है । टावर की जड़ को मजबूत बनाने के लिए उसके चारों को कम से कम 30 मीटर तक सुरक्षा दीवार बनाई जानी चाहिए। डॉ कपरवाण ने कहा कि मालिनी खोह,सुखरौ नदियों व अन्य स्रोतों के भयानक प्रवाह और बाढ़ से सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार बनाई जानी चाहिए और गांव वासी पीड़ितों के लिए आपदा प्रबंधन कार्य सुचारू रूप से ,तेज गति से चलाया जाना चाहिए। मालिनी नदी पर टूटे पुल का कारण पोकलैंड ,जेसीबी मशीनों द्वारा पुल के पिलरों की जड़ों पर किया जाने वाला खनन है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष सुखरौ नदी स्थित पुल भी अवैध खनन का शिकार बना था। इन सभी नदियों पर बने पुल की रक्षा हेतु सुरक्षा दीवार व पिलरों के चारों ओर मजबूत सुरक्षा दीवार बनाई जानी चाहिए। आवास और भूमि को बचाने के लिए भी नदियों के किनारों पर सुरक्षा दीवार बननी चाहिए और नदियों के बहाव को मध्य में रहे ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए। यदि समय पर व्यवस्थाओं को बेहतर नहीं बनाया गया तो उक्रांद आंदोलन करेगा।

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