मां राजराजेश्वरी और बाणासुर महाराज की डोलियों ने किए केदारनाथ के दर्शन
रुद्रप्रयाग। चारधाम में शामिल बदरी-केदार यात्रा पर निकली लमगौडी की मां राजराजेश्वरी व बाणासुर महाराज की देवरा यात्रा ने केदारनाथ दर्शनों के बाद रात्रि प्रवास के लिए कालीमठ मंदिर पहुंची। शनिवार को दोनों देव डोलियां बदरीनाथ धाम के लिए रवाना होगी। इस दौरान दोनों डोलियां भक्तों की कुशलक्षेम पूछकर आशीर्वाद दिया। भक्तजन फूल एवं अक्षतों से डोलियों का जोरदार स्वागत कर रहे है। बीते 21 अगस्त को पूजा अर्चना के साथ केदारघाटी के लमगौंडी की मां राजराजेश्वरी एवं बाणासुर की देवरा यात्रा शुरू हुई थी। जिसके बाद पहले दिन क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर घर-घर भ्रमण कर भक्तों की कुशलक्षेम पूछी। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर दोनों डोलियों का फूल एवं अक्षतों से जोरदार स्वागत भी किया गया। दोनों डोलियों ने बाबा विश्वनाथ, फाटा, सीतापुर, शिव पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण, गौरीकुंड होते हुए गत 29 अगस्त केदारनाथ धाम में पहुंची थी। तीन दिन केदारनाथ धाम में प्रवास के बाद शुक्रवार को दोनों डोलियां रात्रिप्रवास के लिए कालीमठ पहुंची। जहां दोनों डोलियों का जोदार स्वागत हुआ। इस दौरान भक्तों के जयकारे एवं वाद्य यंत्रों की धुनों से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। 2 सितम्बर को दोनों डोलियां बैकुंठ धाम बदरीनाथ के लिए रवाना होगी। दो दिन बद्रीनाथ धाम में रुकने के बाद 4 सितम्बर को डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी। 5 सितम्बर को को अपने पौराणिक गांव लमगौंडी व 6 सितम्बर को हवन व पूर्णाहुति के साथ देवरा यात्रा सम्पन्न होगी। देवरा यात्रा समिति के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र प्रकाश शुक्ला ने बताया कि 26 वर्षों बाद देव डोलियां बद्री केदार की देवरा यात्रा पर जा रही हैं। जिससे बड़ी संख्या में भक्तजन बडेघ् उत्साह के साथ डोली के संग में चल रहे हैं। इस अवसर पर समिति के कोषाध्यक्ष नरेन्द्र शर्मा, उपाध्यक्ष अजय जुगरान, सचिव भाष्कर पोस्ती, संरक्षक सुरेन्द्र शर्मा, सुधीर पोस्ती, श्रीनिवास पोस्ती, किशन अवस्थी, प्रेम प्रकाश जुगरान, बीरेन्द्र शर्मा, सुरेश बगवाड़ी, हर्षवर्धन जुगरान, प्रधान अखिलेश सजवान, क्षेपंस दुर्गेश बाजपेई सहित कई ग्रामीण भक्त मौजूद थे।