इस बार चुनाव में राजनीतिक दलों को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का देना होगा स्पष्टीकरण
जयपुर, एजेंसी। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां की जा रही और इस बार दिव्यांग एवं बुजुर्ग मतदाताओं को घर बैठे मतदान करने की सुविधा मिलेगी वहीं राजनीतिक पार्टियों को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के बारे में स्पष्टीकरण देना होगा कि क्या उन्हें दूसरा प्रत्याशी नहीं मिला। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने विधानसभा चुनाव की तैयारियां की की गई समीक्षा के बारे में रविवार को यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते कहा कि राजस्थान की एक शांतिप्रिय राज्य के रूप में पहचान है और आयोग यहां आगामी विधानसभा चुनाव निष्पक्ष, शांतिपूर्ण एवं प्रलोभनमुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में पहली बार वोट फॉर होम की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी और इसके तहत 80 साल से ऊपर के बुजुर्ग और 40 प्रतिशत से ज्यादा दिव्यांगता वाले मतदाताओं को घर बैठे ही यही सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि जो मतदान केंद्र पर आकर वोट डालना चाहे और जो आराम से आ सके उनका स्वागत है। वहीं जो शतायु मतदाता हैं उसका मतदान केंद्र पर स्वागत किया जायेगा और आभार पत्र दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद पांच दिन में वोट फॉर होम की सुविधा पाने वाले मतदाताओं को फॉर्म 12डी भरना होगा। इसके बाद चुनाव आयोग उनके घर से ही वोट डालने की व्यवस्था करेगा। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव में गड़बड़ियों को रोकने के लिए कई मतदान केंद्रों से लाइव वेबकास्टिंग होगी। उन्होंने बताया कि 1600 बूथ ऐसे होंगे जिन्हें यूथ संभालेंगे। जिनमें महिलाएं होंगी। राजीव कुमार ने बताया कि राजस्थान में 5.25 करोड़ मतदाता है। इनमें 2.73 करोड़ पुरुष, 2.51 करोड़ महिला मतदाता हैं। इनमें 604 ट्रांसजेंडर है जबकि 5.61 लाख दिव्यांग है। उन्होंने बताया कि इनमें 80 साल से अधिक आयु के 11.8 लाख, सौ साल से अधिक आयु के 18 हजार 462 मतदाता हैं। इस बार 18 से 19 आयु के 21.9 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे।
राजीव कुमार ने बताया कि कोई मतदाता यह जानना चाहता है कि किसी उम्मीदवार का क्रिमिनल बैकग्राउंड है या नहीं। इसके लिए ‘नो योर कैंडिडेट’ एप्लिकेशन है। इसमें कैंडिडेट का पूरा एफिडेविट अपलोड होगा। इसके साथ ही आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशी दैनिक अखबारों में अपनी जानकारी देनी होगी वहीं राजनीतिक पार्टियों को बताना होगा कि उन्होंने आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशी को टिकट क्यों दिया। क्या उस विधानसभा में उनके अलावा कोई प्रत्याशी नहीं था। इसके लिए उन्हें अखबार में स्पष्टीकरण देना होगा।