रावण ने किया सीता का हरण
श्रीनगर गढ़वाल : श्री आदर्श रामलीला समिति के तत्वाधान में चल रही रामलीला के छठवें दिन सूर्पणखा लीला व सीता हरण लीला का भव्य मंचन किया गया। मंचन के दौरान पंचवटी में सूर्पणखा राम, लक्ष्मण को लुभाने आती है, जब वो अपनी हद पार कर देती है तो लक्ष्मण द्वारा क्रोधित होकर उसकी नाक काट दी जाती है। नाक कटने के बाद सूर्पणखा अपने भाइयों खर, दूषण के पास जाती है। खर और दूषण राम से युद्ध करने जाते हैं, लेकिन युद्ध में मारे जाते हैं। सूर्पणखा फिर रावण को अपनी व्यथा सुनाती है और उसे सीता का हरण करने के लिए उकसाती है। रावण मारीच की मदद से षडयंत्र रचता है और सीता का हरण कर लेता है। रास्ते में जटायु उसे रोकता है, लेकिन रावण उसे घायल कर लंका की ओर आगे बढ़ जाता है। दर्शकों ने देर रात तक रामलीला का आनंद उठाया। मंच संचालन वीरेंद्र रतूड़ी ने किया। संगीत में पंकज, अनिरुद्ध, राघव जोशी, शिवलाल, डा. संजय पांडे ने संगत दी। डॉ. अलका पांडेय, विजय मोहन उनियाल, टीसी थपलियाल आदि कलाकारों अपने अभिनय प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोहा। मौके पर नगर के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णानंद मैठाणी, जयदेव सडाना, परवीन अग्रवाल आदि मौजूद रहे। (एजेंसी)