कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है……..
बैकुण्ठ चतुर्दशी मेले की चौथी रात्रि संध्या में कवियों ने जमाया रंग
श्रीनगर गढ़वाल : बैकुण्ठ चतुर्दशी मेले की चौथी रात्रि संध्या में कवियों ने खूब रंग जमाया। संध्या में आकर्षण का केंद्र रहे डॉ. कुमार विश्वास ने अपने अंदाज में कवि सम्मेलन को संचालित कर लोगों को कवि सम्मेलन में सहभागी बनाया। राष्ट्रभक्ति, देश के लिए बलिदान की भावना, भारतीय संस्कृति के महत्व पर प्रस्तुत की गई कविताओं पर पांडाल दर्शकों की तालियों से गूंजता रहा। बीच-बीच में कवियों ने अपने व्यंग्यों से दर्शकों को खूब हंसाया और कविताओं के माध्यम से जन संदेश भी दिया।
इस अवसर पर कविराज डॉ. कुमार विश्वास ने मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है, कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है, जिंदगी से लड़ा हूं तुम्हारे बिना हाशिये पर पड़ा हूं तुम्हारे बिना सहित कई लाजवाब कविताएं सुनाकर श्रोताओं का मनमोह लिया। डॉ. कुमार विश्वास ने गीत, गजलों से उसे पेगाम करता हूं, उसी की दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूं…का काव्य पाठ कर खूब तालियां बटौरी। इसके बाद उन्होनें अपनी प्रसिद्ध और खास तौर पर युवाओं की पसंदीदा कविता कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है.. कविता से लोगों को कविता गान करने पर मजबूर कर दिया। उत्तर प्रदेश के अवध से पहुंची प्रसिद्ध कवित्री कविता तिवारी ने सारी धरा तुम्हारे ही गीत गा रही, ऐसा लगा तू मधुरीम वीणा बजा रही है कविता का पाठ कर मां शारदे का आह्वान करते हुए शुभारंभ किया। इसके बाद उन्होंने क्षितिज तक शौर्य गूंजेगा स्वयं तीनमान बदलेगा उतारो भारती की आरती सम्मान बदलेगा विवादों में उलझकर कीर्तिमा को मत करो धूमिल शहीदों की करो पूजा तो हिंदुस्तान बदलेगा.., किसी को शह दिया उसने किसी को मात दे दी है विधाता ने सभी को कुछ ना कुछ तो बात दे दी है.. कविता का पाठ कर खूब वाहवाही लूटी। आगरा से पहुंचे कवि रमेश मुस्कान ने मोहब्बत सिर्फ खर्चों की बड़ी लंबी कहानी है, ओ कंप्यूटर युग की छोरी मन की काली तन की गोरी, करना मुझको माफ मैं तुमको प्यार नहीं दे पाऊंगा आदि से उपस्थित दर्शकों को खूब गुदगुदाया। मुम्बई से पहुंचे दिनेश बावरा ने युवाओं में बढ़ते मोबाइल की लत पर तंज कसते हुए कहा कि अपने हौसले को बुलंद करना सीखिए, मोबाइल चलाना तो सीख लिया है, थोड़ी देरी बंद करना सीख लीजिये कविता पाठ कर खूब वाहवाही लूटी। इस पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर सिविल जज रजनीश मोहन, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, नगर आयुक्त उप जिला अधिकारी नूपुर वर्मा, सहायक नगर आयुक्त रविराज बंगारी, हर्षित सिंह सहित आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राकेश भट्ट एवं राखी धनाई ने किया। (एजेंसी)
गंगा के प्रति अवधारणा बदलने की जरूरत
श्रीनगर गढ़वाल : बैकुण्ठ चतुर्दशी मेले में एक शाम गंगा के नाम पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा कोई नदी नहीं, बहता पानी नहीं। गंगा के प्रति अपनी अवधारणा बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गंगा भारत की संस्कृति की महारेखा है। जिसके दोनों तरफ भारत सांस लेता है।
पद्मश्री के हकदार है गढ़रत्न नेगी
श्रीनगर गढ़वाल : प्रख्यात कवि डॉ. विश्वास कुमार ने गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी की तारीफ करते हुए कहा कि पद्मश्री के असली हकदार गढ़वाल के सुप्रसिद्ध लोक गायक व साहित्यकार नरेंद्र सिंह नेगी ही हैं। उन्होंने कहा कि उनके एक ही गाने ने पूरी सरकार बदल दी। उन्होंने कहा कि वह स्वयं ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से गढ़रत्न नरेश सिंह नेगी को पद्मश्री दिलाने की पैरवी करेंगे। कहा कि बैकुण्ठ चतुर्दशी मेले में उनको सुनने का बड़ा मन था, लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते मैं उन्हें सुन नहीं पाया। (एजेंसी)
मजदूरों के बाहर निकलने पर खुशी जताई
श्रीनगर गढ़वाल : बैकुंठ चतुर्दशी मेले में आयोजित कवि सम्मेलन में कवि व लेखक डॉ. कुमार विश्वास ने 17 दिन बाद टनल से मजदूरों को सुरक्षित निकाले जाने पर खुशी व्यक्त की। कहा कि इस कार्यक्रम से पूर्व मां धारी के मंदिर जाकर देवी मां से मजदूरों के कुशलक्षेम की कामना की थी। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार ने अपने पूरे संसाधनों को इस रेस्क्यू को सफल बनाने में झोंक दिया। जिस कारण इतना बड़ा रेस्क्यू सफल हो पाया। (एजेंसी)