कोटद्वार-पौड़ी

धूमधाम से मनाया गया गढ़वाल विवि का स्वर्ण जयंती समारोह

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श्रीनगर गढ़वाल : हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय का स्वर्ण जयंती समारोह शुक्रवार को चौरास स्थित स्वामी मनमथन ऑडिटोरियम में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना सम्बोधन ऑनलाइन माध्यम से दिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में देवप्रयाग विधायक विनोद कण्डारी और कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत् उद्घाटन किया।
1 दिसम्बर 1973 को स्थापित हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के 50 वर्ष पूर्ण होने पर विवि की स्थापना के लिए हुए आन्दोलन में अह्म भूमिका निभाने वाले पांच आन्दोलनकारियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हेमवती नंदन बहुगुणा को श्रद्धांजलि देते हुए केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में गढ़वाल विश्वविद्यालय के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा हिमालयी क्षेत्र के संसाधनों का उचित प्रयोग किया जा रहा है और आज यहां से उच्च शिक्षा ग्रहण कर छात्र-छात्राएं विश्व भर में नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं को संदेश देते हुए कहा कि योग्यता, क्षमता, परिश्रम का कोई तोड़ नहीं है परिश्रम करके हर व्यक्ति सफल हो सकता है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की चौरास सड़क, स्टेडियम मरम्मत तथा रेलवे द्वारा परिसर भरान की रॉयल्टी माफ करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि हमें आज गर्व है कि हम उन आन्दोलनकारियों और पूर्व छात्रों को सम्मानित कर रहे हैं जिनका विश्वविद्यालय के लिए अमूल्य योगदान है। कुलपति ने कहा कि भारतीय हिमालय केन्द्रीय विश्वविद्यालय संघ (आईएचसीयूसी) को साथ लेकर भारतीय ज्ञान परम्परा और हिमालय सांस्कृतिक विरासतों का उच्च शिक्षा में शोध एवं प्रबन्धन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि देवप्रयाग विधायक विनोद कण्डारी ने स्वर्ण जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के पचास वर्ष के इतिहास में बहुत कुछ बदला जिसका श्रेय सबसे पहले इसकी स्थापना के लिए आन्दोलन करने वाले आन्दोलनकारियों को जाता है। इस अवसर पर नार्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी, सिक्किम तथा मणिपुर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति, गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. आर सी भट्ट, कार्यक्रम सम्नवयक प्रो वाईपी रैवानी, कुलसचिव डॉ. धीरेन्द्र कुमार शर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. एमएस नेगी, मुख्य नियन्ता प्रो. बीपी नैथानी, तीनों कैंपस के निदेशक, छात्र-छात्राएं आदि कार्यक्रम में मौजूद रहे। (एजेंसी)

पर्यावरण और पारिस्थतिकी पर शोध के क्षेत्र में अपार संभावनाएं
विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे डॉ. सुनील नौटियाल, निदेशक, जी.वी.पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा ने विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास और अपनी पुरानी स्मृतियों को याद करते हुए छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि हिमालय के पर्यावरण और पारिस्थतिकी पर शोध के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है जिसमें सहभागिता के साथ सभी को काम करना होगा।

पांच आन्दोलनकारी सम्मानित
विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती समारोह में ‘योगदान का सम्मान के अन्तर्गत कुंज बिहारी नेगी, कृष्णानन्द मैठाणी, वीरेन्द्र कुमार पैन्यूली, मंजूर अहमद बेग और जगदम्बा प्रसाद रतूड़ी को विश्वविद्यालय ने स्थापना आन्दोलन में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया।

गढ़वाल विव के पूर्व छात्र को किया सम्मानित
स्वर्ण जयंती के अवसर पर गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे पांच शख्सियतों को सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर अपने-अपने क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाले पूर्व छात्रों को विश्वविद्यालय द्वारा ‘उपलब्धियों का सम्मान शीर्षक के अन्तर्गत पूर्व छात्र रियर एडमिरल ओम प्रकाश सिंह राणा (सेवानिवृत) पूर्व महानिदेशक नेवल आरमामेंट इन्स्पेक्शन एवं पूर्व जनरल मैनेजर ब्रह्मोस ऐरोस्पेस, डॉ. राजेन्द्र डोभाल, कुलपति स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय एवं पूर्व महानिदेशक यूकोस्ट, डॉ. सुनील नौटियाल, निदेशक, जी.वी.पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा, प्रो. वजीर सिंह लाकरा, पूर्व कुलपति एवं निदेशक आई.सी.ए.आर. केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुम्बई और डॉ. रेखा उनियाल, संस्थापिका एवं प्रधानचार्य रेनबो पब्लिक स्कूल, श्रीनगर एवं चौरास को सम्मानित किया गया। इसके बाद कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की अध्यक्षता में इंडियन हिमालयन सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉन्टोरियम की मीटिंग में सात विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू साइन किया गया। इस बैठक में विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्ष, विभागध्याक्ष उपस्थित रहे।

 

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