पार्क प्रशासन ने क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए की स्वरोजगार की पहल

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उत्तरकाशी। गोविंद वन्य जीव विहार राष्ट्रीय पार्क के अन्तर्गत निवासरत 42 गांवों के ग्रामीणों की आजीविका संवर्द्धन के लिए पार्क प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है। पार्क प्रशासन ने इसके लिए दो दर्जन से अधिक इको विकास समिति से जुड़े ग्रामीणों को ग्रेट हिमालय नेशनल पार्क के एक्सपोजर विजिट पर रवाना किया। गोविन्द वन्य जीव विहार एवं राष्ट्रीय पार्क पुरोला के निर्देशन में रुपिन, सुपिन एवं सांकरी रेंज के अन्तर्गत पूर्व से ही गठित ईको विकास समितियों के सूपिन रेंज के फीताड़ी, जखोल, कलाप, नैटवाड़ व दणगाण गांव व रूपिन रेंज के हड़वाड़ी, सट्टा, दोणी,खन्ना, सेवा, बरी, देवल, खन्यासणी व सांकरी रेंज के ढाटमीर व सिरगा के अध्यक्ष, सदस्य एवं सचिवों सहित 25 लोगों के दल को हरी झंडी दिखा कर हिमाचल के लिए रवाना किया। गोविंद वन्य जीव विहार राष्ट्रीय पार्क की उप निदेशक ड अभिलाषा सिंह ने बताया कि पार्क के अंतर्गत निवासरत ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण में सहभागिता के साथ ही स्वरोजगार से जोड़ने व आत्मनिर्भरता को पर्यटन, होमस्टे, आय अर्जक गतिविधियों से सम्बन्धित विस्तृत जानकारी जुटाने व विशेष प्रशिक्षण एवं हिमाचल प्रदेश के ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क स्थित ईको विकास समितियों के द्वारा की जा रही गतिविधियों के प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन हेतु नैटवाड़ से ग्रामीणों का प्रथम दल हिमाचल को रवाना किया गया। यह दल आगामी 2 दिनों तक हिमाचल प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु संचालित गतिविधियों एवं उनके द्वारा पर्यावरण संरक्षण के साथ ही जीविकोपार्जन व स्वरोजगार की दिशा में किये जा रहे क्रियाकलापों एवं आजीविका संवर्धन आदि की जानकारी प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके पश्चात् दूसरा दल भी जनवरी माह के अन्त में भेजा जाएगा। ईको विकास समिति के सदस्यों ने पार्क प्रशासन की इस पहल का स्वागत किया। वहीं गौरव कुमार अग्रवाल वन क्षेत्राधिकारी सुपिन रेंज द्वारा वाहनों को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया गया। इस अवसर पर वन कर्मचारियों के साथ-साथ इको विकास समिति व क्षेत्र के अन्य लोग भी उपस्थित रहे।

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