पौड़ी गढ़वाल में कर्मचारियों ने एनपीएस के विरोध में मनाया काला दिवस
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। 1 अक्टूबर 2005 को राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को बंद कर एनपीएस व्यवस्था को लागू किया गया था। जिसके विरोध में समस्त एनपीएस आच्छादित कर्मचारी लामबंद हुए। गुरूवार को राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर राज्य में पुरानी पेंशन को बन्द किये जाने व एनपीएस योजना को लागू किये के विरोध में हजारों राजकीय कर्मचारियों ने काला दिवस मनाया। कर्मचारियो का कहना है 1 अक्टूबर को तत्कालीन राज्य सरकार ने एनपीएस योजना को लागू कर कर्मचारियों के भविष्य को अंधकार में धकेल दिया।
कर्मचारियों ने अपने कार्यलयों में काली पट्टी व काला मास्क लगाकर विरोध जताया। सभी कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर काली रखी। एक साथ 80 हजार कर्मचारियों ने रात 8 से 9 बजे अपने घरों की लाइट बंद रखी। प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने कहा कि वर्तमान समय मे कर्मचारी संयुक्त मोर्चा राज्य में पुरानी पेंशन की लड़ाई मजबूती से लड़ रहा है। राज्य के इतिहास में पहली बार सम्पूर्ण कैबिनेट कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की पक्ष में है। आशा है कर्मचारियों की जायज मांग पुरानी पेंशन को सरकार जल्द लागू करेगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारी सरकार के अंग हैं, अगर सरकार अपने अंगों का ख्याल नहीं रखेगी तो स्वाभाविक है वह कमजोर सिद्ध होगी। प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि प्रत्येक मांग आग्रह से शुरू होती है और आंदोलन पर खत्म, लेकिन यह मांग तब तक खत्म नही होगी जब तक यह लागू नहीं हो जाती। मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के नेतृत्व में लगातार कई राज्यों में इस लड़ाई को लड़ रहा है जहां सफलता प्राप्त होने के आसार हैं। वर्तमान में राज्य और केंद्र दोनों में एक ही सरकार है जिसने अतीत में ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। यह भी कर्मचारियों के जीवन से जुड़ा एक ऐतिहासिक निर्णय सिद्ध होगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रदेश स्तर से देवेंद्र बिष्ट, प्रवीण भट्ट, योगिता पंत, लक्ष्मण रावत, कुमाऊं से कपिल पांडे, राजीव कुमार, रेनु डांगला, सुबोध कांडपाल, राजेन्द्र शर्मा, भास्करानंद, दया जोशी, त्रिभुवन बिष्ट, इंदुवर जोशी, प्रकाश चौबे, गढ़वाल से जयदीप रावत, जसपाल रावत, नरेश भट्ट, भवान सिंह नेगी, मेहरबान भंडारी, सौरभ नौटियाल, दिलवर रावत, प्रदीप जुयाल, निर्मला थापा, कविता कोटनाला, राजपाल बिष्ट आदि ने अहम भूमिका निभाई।