इंस्टेंट लोन के चक्कर में खाता न हो जाए इंस्टेंट खाली़.़
देहरादून। चुटकी में लोन लेने के चक्कर में आप कर्जदार तो बनेंगे ही साथ ही अपनी गाढ़ी कमाई भी ठगों को दे बैठेंगे। ऐसा तमाम इंस्टेंट लोन एप के माध्यम से किया जा रहा है। इसके साथ ही कई फर्जी एप भी इन दिनों आ गए हैं हैं जो लोगों को सीधे ठगी का शिकार बना रहे हैं। एक बार आपका डाटा इन एप में गया तो तमाम तरह से आपको बदनाम कर आपसे उगाही भी की जा सकती है। राजधानी देहरादून समेत कई जिलों में इस तरह की शिकायतें आ रही हैं।
इस तरह होती है ठगी
तरीका एक रू
इंस्टेंट लोन एप वह एप होती हैं जो अनलाइन लोन आवेदन लेती हैं। कुछ मिनटों में भारी ब्याज दर पर लोन दे भी दिया जाता है। जहां आमतौर पर पर्सनल लोन 12 से 18 फीसदी प्रति वर्ष की ब्याज दर पर मिलता है वहीं इन एप पर यह ब्याज दर 36 से 48 प्रतिशत वार्षिक होती है। इस तरह ब्याज के चंगुल में फंसकर जब लोन नहीं चुकाया जाता तो ये लोन लेने वाले व्यक्ति को सोशल मीडिया पर बदनाम करती हैं। इससे कई लोग परेशान होकर उन्हें इधर-उधर से पैसे लेकर देते हैं। ये मोबाइल एप भारतीय रिजर्व बैंक से मान्यता नहीं लिये रहती हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब इन्हें संचालित करने वाले लोग कर्जदार को तमाम तरह से डराते हैं और फिर परेशान होकर लोग आत्मघाती कदम भी उठा लेते हैं।
तरीका दो रू
इंटरनेट पर इन दिनों कई वेबसाइट और मोबाइल एप ऐसी हैं जो लोन देने का वादा करती हैं। चुटकी में लोन लेने के लिए लोग इन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारियां भी दे देते हैं। इसके बाद उनसे प्रोसेसिंग फीस और टैक्स आदि के नाम पर रकम मांगी जाती है। ऐसा कई मामलों में देखा गया है जब लोगों ने इतने पैसे साइबर ठगों को दे दिए जितने का लोन उन्हें चाहिए भी नहीं था। बीते दिनों एक कारोबारी ने केवल पांच लाख रुपये के लिए आवेदन किया मगर ठगों के चंगुल में फंसकर सात लाख रुपये गंवा दिए। इतना नहीं, इस तरह से साइबर अपराधी लोगों का व्यक्तिगत डाटा हासिल कर उन्हें डराकर फिर से पैसा मांगते हैं।
ये बरतें सावधानी
– अधित बैंकों और एनबीएफआई से ही लोन लें।
– कोई चुटकियों में लोन दे रहा है तो इसकी पड़ताल करें।
– अनावश्यक रूप से इस तरह की फाइनेंशियल एप को डाउनलोड न करें।
– लोन लेने से पहले उसकी ब्याज दरें और अन्य नियम शर्तों को ठीक से पढ़ें।
– कोई यदि आपको बिना पैसे लिए भी डरा रहा है तो इसकी शिकायत करें।
– वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार होने पर 1930 पर शिकायत करें।