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दुश्मनों को एक बार फिर सुनाई देगी राफेल की गर्जना, भारतीय वायु सेना की परेड में भरेंगे ऊंची उड़ान

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नई दिल्ली, एजेंसी। देश के दुश्मनों को एक बार फिर राफेल लड़ाकू विमान की गर्जना सुनाई देगी। राफेल लड़ाकू विमान एक बार फिर लोगों के सामने उड़ान भरने वाले हैं। आठ अक्टूबर को वायु सेना दिवस है। इस दिन ही राफेल लड़ाकू विमान वायु सेना की परेड में हिस्सा लेंगे और आसमान में ऊंची उड़ान भी भरेंगे। पांच राफेल लड़ाकू विमानों को आधिकारिक रूप से 10 सिंतबर को अंबाला (हरियाणा) में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था।
बता दें कि मीटिअर मिसाइल के साथ राफेल जेट को एशिया का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान कहा जा सकता है। राफेल में मीका मिसाइल है जिसे हवा से लन्च किया जा सकता है। भारतीय वायुसेना में राफेल के शामिल होने से सबसे ज्यादा चिंता हमारे पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन को ही हो रही है।
दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक राफेल भारतीय सेना की ताकत को मजबूती करेंगे। पहले चरण में 5 राफेल लड़ाकू विमान भारत के अंबाला एयरबेस पर आए हैं। चीन के साथ जारी तनाव के बीच राफेल का भारत आना महत्वपूर्ण है। यह बहुप्रतीक्षित विमान चीन और पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों से हर स्तर पर बेहतर हैं।
भारत की सैन्य ताकत राफेल लड़ाकू विमानों के आने से और अभेद्य, सुरक्षात्मक एवं घातक हो गई है। वर्ष 1919 में स्थापित अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पाक सीमा से करीब 220 किलोमीटर दूर है। यहां पर अभी दो स्क्वाड्रन तैनात हैं। पहला जगुआर कम्बैट और दूसरी मिग-21 बाइसन। हालांकि मिग-21 कुछ ही वर्षों में बेड़े से बाहर हो जाएंगे। इसलिए ऐसे में राफेल महत्वपूर्ण हो जाता है। इसकी तैनाती से पाकिस्तान और चीन पर भारत की रणनीतिक बढ़त रहेगी।
गौरतलब है कि भारत को 36 राफेल विमान मिलने हैं, जिनमें 18 अंबाला और 18 बंगाल के हासीमारा एयरबेस पर रखे जाएंगे। हासीमारा एयरबेस चीन और भूटान सीमा के करीब है। दो इंजन वाले इस लड़ाकू विमान में दो पायलट बैठ सकते हैं। ऊंचे इलाकों में लड़ने में माहिर यह विमान एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है।

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