उत्तराखंड

35 साल बाद क्षेत्र में साकार हुआ झील का सपना

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पिथौरागढ़। सीमांत में 35 साल के लंबे संघर्ष के बाद लोगों का थरकोट झील का सपना पूरा हो गया है। झील में नौकायन शुरू होने से लोग उत्साहित हैं। उनका कहना है कि झील में नौकायन शुरू होना ग्रामीणों के संघर्ष की जीत है। कहा कि झील के संचालन शुरू होने से क्षेत्र में पर्यटन विकास के सपने साकार होंगे। थरकोट में झील निर्माण को लेकर 1980 के दशक में पहली बार लोगों ने आवाज उठाई। बाद में वर्ष 1989 में विण विकासखंड की बीडीसी बैठक में झील निर्माण का प्रस्ताव तत्कालीन उप प्रमुख राजेंद्र भट्ट ने रखा। जिसे सर्वसम्मति से सदन ने पास किया। वर्ष 1998 में अविभाजित यूपी में इस झील के निर्माण के लिए 14 लाख 93 हजार की धनराशि सिंचाई विभाग को अवमुक्त हुई। राज्य आंदोलनकारी भट्ट ने बताया इसके बाद उनके व लक्ष्मी भट्ट के नेतृत्व में एक संघर्ष समिति बनाई गयी। वर्ष 2005 में उनकी पहल पर ही सीएम एनडी तिवारी से धारचूला एनएचपीसी के एक कार्यक्रम के दौरान झील निर्माण के लिए 40 लाख की घोषणा की। जिसके बाद वर्ष 2007 में तत्कालीन सरकार ने इसका शिलान्यास धमौड़ में कराया।

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