सड़क पर बह रहा हजारों लीटर पानी, घरों में सूख रहे लोगों के कंठ
गर्मी बढ़ने के साथ ही क्षेत्र में लगातार बढ़ रही पेयजल समस्या
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : जल है तो कल है यह स्लोगन आपने स्कूल में किताबों के साथ ही शहर की दीवारों पर अवश्य पढ़ा होगा। लेकिन, शायद जल संस्थान को यह बात समझ नहीं आ रही। हालत यह है कि क्षेत्र में अधिकांश जर्जर पेयजल लाइनों से हर रोज सैकड़ों लीटर जल सड़क पर बहकर बर्बाद हो रहा है। ऐसे में कई घरों में पानी का फ्लो बिल्कुल कम हो चुका है तो कई घरों में पानी की बूंद तक नहीं आ रही। नतीजा भीषण गर्मी में आमजन को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है।
घर-घर जल पहुंचाने के लिए साठ के दशक में पेयजल लाइन बिछाई गई थी। समय बीतता चला गया और आज यह पेयजल लाइनें पूरी तरह बूढ़ी हो चुकी हैं। शायद ही शहर में कोई ऐसा वार्ड हो जहां इन पेयजल लाइनों से पानी लीक न हो रहा हो। जल संस्थान की ओर से पानी छोड़ने पर जगह-जगह लीकेज नजर आने लगता है। समस्या के कारण कई घरों में पानी का फ्लो बहुत कम हो चुका है। बिना मोटर चलाए किसी भी घर में पानी नहीं पहुंच पाता। लीक हो रही इन पेयजल लाइनों ने गर्मी के मौसम में मुश्किलें अधिक बढ़ा दी है। क्षेत्रवासी सत्यपाल सिंह, मनोज कुमार ने बताया कि बूढ़ी हो चुकी पेयजल लाइनों को बदलने के लिए कई बार शासन-प्रशासन को पत्र लिख चुके हैं। लेकिन, अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। नतीजा लापरवाही गर्मी में मुश्किलें बढ़ा दी है। जनता के हित को देखते हुए जल्द ही पेयजल लाइनों को बदला जाना अति आवश्यक है।
मार्ग सुधारीकरण के दौरान टूटी लाइन
कौडिया-चिल्लरखाल मार्ग के सुधारीकरण कार्य के कारण भाबर में हल्दूखाता व कंचनपुर क्षेत्र की पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। ऐसे में क्षेत्र के 50 परिवार पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं। लोगों ने कहा कि विभाग से शिकायत के बाद भी समाधान नहीं किया जा रहा है। चेतावनी दी यदि जल्द पेयजल आपूर्ति सुचारु नहीं की गई तो कार्य रोक दिया जाएगा। स्थानीय प्रमोद रावत, वीरेंद्र भट्ट, अरूण गुसाईं, गीता बिष्ट, दिनेश लखेड़ा, विशंबर दत्त धुलिया, प्रेम सिंह तड़ियाल ने कहा कि मार्ग चौड़ीकरण के कार्य से पेयजल लाइन कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गई है। निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार, जेसीबी चालक की लापरवाही क्षेत्रवासियों के लिए परेशानी का सबब बनी है।