पहाड़ी दाल और अनाज के शौकीनों को सुगमता से मिल रहे पहाड़ी उत्पाद
जयन्त प्रतिनिधि।
चमोली : जनपद में स्थानीय उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने की ग्राम्य विकास विभाग की ओर से ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मुहीम संचालित की जा रही है। जिसके चलते यहां अब बदरीनाथ मार्ग पर पहाड़ी दाल, अनाज और जूस के शौकीनों को सुगमता से पहाड़ी उत्पाद मिल रहे हैं। विभाग की ओर से जिले के 11 स्थानों पर पर पहाड़ी उत्पादों के विपणन के लिये आउटलेट बनाए गए हैं। जबकि आगामी 17 मई से नंदप्रयाग में विभाग की ओर से पहाड़ी व्यंजनों का ढाबे का संचालन भी शुरु किया जा रहा है। जिससे देश और विदेश से आने वाले तीर्थयात्री यात्रा मार्ग पर पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ ले सकेंगे।
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने बताया कि ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से संकुल संकुल स्तरीय कलस्टर एवं स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से बदरीनाथ हाईवे पर गौचर, कर्णप्रयाग, सोनला, मैठाणा, गोपेश्वर, विरही, टंगढी, पीपलकोटी, लंगसी, जोशीमठ व ब्रदीनाथ मे आउटलेट संचालित किए जा रहे हैं। जबकि कई स्थानों पर कैनोपी लगाकर उत्पादों का विपणन किया जा रहा है। आउटलेट पर पहाड़ी दालें, मंडुवे का आटा, झंगोरा, मसाले, बुरांश जूस, माल्टा जूस, आंवला जूस, तिमले, लिंगडे, लहसुन के अचार के साथ ही हैंडी क्राफ्ट के उत्पाद व उत्तराखण्ड प्रतीक चिन्हों का विपणन किया जा रहा है। परियोजना निदेशक आनन्द सिंह ने कहा कि जनपद में स्थानी उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के साथ ही स्वरोजगार और पर्यटन को बढ़ावा देने की मंशा से रीप व यूएसआरएलएम की ओर से यह गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। साथ ही व्यवसाय की नियमित निगरानी व साप्ताहिक व्यवसाय का डाटा तैयार किया जा रहा है। ताकि डाटा विश्लेषण के आधार पर ऐसे व्यवसायों को बढ़ाने की सुदृढ रणनीति तैयार की जा सके। बताया कि आउटलेट पर उत्पादों की उच्च गुणवत्ता व बजाार मांग के अनुरुप ग्रेडिंग पैकिंग का विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष जनपद में 8 स्थानों पर आउटलेट का संचालन कर 20 लाख का व्यवसाय किया गया था। इस वर्ष आउलेट के माध्यम से 1 करोड़ के व्यवसाय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।