ड्रैगन को बड़ा झटका, अब चीनी सामानों के आयात पर लगेगा 100 फीसदी तक टैक्स

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वाशिंगटन , अमेरिका ने चीन की मुश्किलें बढ़ा दी है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन से आयात किए जाने वाले सामानों पर भारी टैक्स लगाने का फैसला किया है। इसमें बैटरी, ईवी, स्टील, सौर सेल और एल्यूमीनियम सहित कई चीनी प्रोडक्ट्स शामिल है। साथ ही इनमें चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100 प्रतिशत शुल्क, सेमीकंडक्टर पर 50 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी पर 25 प्रतिशत शुल्क शामिल है। बता दें कि इसी साल नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले है और बाइडेन सरकार के इस फैसले से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ सकता है। व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से राष्ट्र को संबोधित करते हुए, जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिकी श्रमिकों को अनुचित व्यापार प्रथाओं से रोका न जाए और देश अपनी इच्छानुसार किसी भी प्रकार की कार खरीदना जारी रख सके। उन्होंने कहा कि ह्यमैं चीन के साथ निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा चाहता हूं, संघर्ष नहीं। हम चीन के खिलाफ 21वीं सदी की आर्थिक प्रतिस्पर्धा जीतने के लिए किसी अन्य की तुलना में अधिक मजबूत स्थिति में हैं क्योंकि हम फिर से अमेरिका में निवेश कर रहे हैं। बाइडेन ने जोर देकर कहा कि चीनी सरकार सालों से विभिन्न चीनी उद्योगों में राज्य निधि का निवेश कर रही है, जिसमें स्टील, एल्यूमीनियम, अर्धचालक, इलेक्ट्रिक वाहन, सौर पैनल और दस्ताने और मास्क जैसे आवश्यक स्वास्थ्य उपकरण शामिल हैं। आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआइ) ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध बढऩे से चीन को भारतीय बाजारों में माल डंप करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। इसको लेकर वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डारेक्टोरेट जनरल आफ ट्रेड रेमेडीज (डीजीटीआर) को सतर्क रहना होगा।अमेरिका ने मंगलवार को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), बैटरी और कई अन्य वस्तुओं सहित आयात पर प्रस्तावित टैरिफ वृद्धि की घोषणा करके चीन के साथ व्यापार युद्ध को फिर से शुरू कर दिया। अमेरिका और यूरोपीय संघ चीन पर निर्भरता कम करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं। जीटीआरआइ ने कहा कि अमेरिका द्वारा ईवी, बैटरी और कई अन्य नई प्रौद्योगिकी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने से चीन इन उत्पादों को भारत सहित अन्य बाजारों में खपाने के लिए प्रेरित हो सकता है। हालांकि, इसमें कहा गया है कि चीनी फेस मास्क, सीरिंज और सुई, मेडिकल दस्ताने और प्राकृतिक ग्रेफाइट पर उच्च शुल्क भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर भी पेश करता है। इन मांग वाले प्रोडेक्टों के उत्पादन और निर्यात में तेजी लाकर भारत अमेरिकी बाजार में अपने व्यापार को बढ़ा सकता है।

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