उत्तराखंड

हाईकोर्ट शिफ्टिंग पर राज्य सरकार स्पष्ट करें अपना रुख

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून। हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की हैं। उन्होंने गुरुवार को देहरादून में राज्य आंदोलनकारी मंच के साथ ही विभिन्न संगठनों के साथ मुलाकात की। कहा कि हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर राज्य को गढ़वाल-कुमाऊं में बांटने का भी विरोध किया। प्रभात ध्यानी ने दून में राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती व अन्य आंदोलनकारी एवं सामाजिक संगठनों के लोगों से मुलाकात के बाद जारी बयान में कहा कि, हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर कुमाऊं गढ़वाल को बांटने की साजिश को नाकाम करने के लिए सभी को आगे आना होगा। राज्य गठन के पीछे उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए पर्वतीय क्षेत्र के विकास, स्थाई राजधानी गैरसैंण सहित सचिवालय, उच्च न्यायालय एवं समस्त विभागों के कार्यालयों को गैरसैंण स्थापित करने का संकल्प लिया गया था। लेकिन राज्य अपने गठन के बाद से ही राजनैतिक दलों की साजिशों का शिकार होता आया है। पहले जन भावनाओं के खिलाफ दून में अस्थाई राजधानी, नैनीताल में उच्च न्यायालय गठन का फैसला लिया गया। नेताओं, नौकरशाहों, पूंजीपतियों की सुविधा के हिसाब से ही फैसले लिए जाते रहे। हाईकोर्ट शिफ्टिंग पर मुख्यमंत्री एवं उनकी सरकार का अभी तक कोई वक्तव्य न आने से नकारात्मक संदेश जा रहा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!