उत्तराखंड

स्विट्जरलैंड की युवती के लिए पुलिस बनी फरिश्ता

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ऋषिकेश। स्विट्जरलैंड निवासी 30 वर्षीय युवती की स्वर्गाश्रम क्षेत्र में बीते चार जून को अचानक मानसिक स्थिति बिगड़ गई। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस और एलआईयू ने उसे एम्स में भर्ती कराकर इलाज कराया। स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद रविवार को उसे एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया। वीजा खत्म होने के चलते युवती का भाई उसे साथ लेकर स्वदेश लौट गया है। लक्ष्मणझूला पुलिस के मुताबिक चार जून को स्थानीय लोगों ने एक विदेशी महिला के लावारिश स्थिति में घूमने की जानकारी दी। एलआईयू कर्मियों के साथ पुलिस ने उसकी खोजबीन की। विदेशी स्वर्गाश्रम क्षेत्र में घूमते मिली। पहचान स्विट्जरलैंड निवासी नेना मारिया जूडिथ के रूप में हुई। पूछताछ में पता चला कि वह अप्रैल में भारत पहुंची थी। यहां घूमने के लिए एक महीने का वीजा लिया था। कई स्थानों पर घूमने के बाद वह तपोवन पहुंची और फिर स्वर्गाश्रम क्षेत्र में आ गई। अचानक मानसिक स्थिति बिगड़ने पर उसका बैग भी क्षेत्र में कहीं गुम हो गया, जिसमें करेंसी, पासपोर्ट और लैपटॉप समेत कीमती सामान था। एलआईयू और पुलिस ने बैग को आखिरकार खोज निकाला। स्विट्जरलैंड के दूतावास को अवगत कराते हुए वीजा भी खत्म होने की जानकारी दी गई, जिसके बाद नेना के परिजनों से पुलिस का संपर्क हुआ। रविवार को उसके स्वस्थ होने पर स्विट्जरलैंड से भाई जोनाथन आंद्रे ओटिगर ऋ्रषिकेश पहुंचा। एम्स से डिस्चार्ज होने के बाद वह उसे स्वेदश लेकर लौट गया। जोनाथन ने पुलिस के मानवीयता के परिचय पर खुशी जाहिर करते हुए हौसला अफजाई भी की।

 

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