पति के नाम की भूमि पर पत्नियों को मिलेगा मालिकाना हक
देहरादून। पर्वतीय क्षेत्रों में पति के नाम दर्ज भूमि पर पत्नियों को मालिकाना हक देने का प्रस्ताव राजस्व विभाग ने करीब-करीब तैयार कर लिया है। न्याय विभाग से राय ली जा रही है। प्रस्ताव को कैबिनेट में लाने की भी तैयारी है। लेकिन इसे कब लाया जाएगा यह न्याय विभाग से मिलने वाली राय में लगने वाले समय पर निर्भर करेगा।इसी वर्ष जुलाई माह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी के एक कार्यक्रम में इस योजना की घोषणा की थी। सीएम का कहना था कि पहाड़ों में महिलाओं को बैंकों से कर्ज नहीं मिल पाता। इसका कारण यह कि राजस्व अभिलेखों में परंपरानुसार खेत पति के नाम पर दर्ज होते हैं। पहाड़ में इन्हें गोल खाता भी कहा जाता है। पहाड़ों से पलायन के कारण पुरुषों की संख्या कम होती जा रही है। महिलाएं इस वजह से स्वरोजगार के काम तक नहीं कर पा रही हैं।
सीएम की इस योजना को राजस्व विभाग अमली जामा पहनाने की कोशिश में
अब लॉक डाउन-5 में सीएम की इस योजना को राजस्व विभाग अमली जामा पहनाने की कोशिश में है। इस योजना में राजस्व विभाग को भूलेख आदि में कुछ संशोधन भी करने होंगे। इसी को देखते हुए न्याय विभाग से परामर्श मांगा गया है। राजस्व विभाग की कोशिश है कि इस योजना को जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जाए। इसके लिए कैबिनेट प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है।
स्वामित्व कार्ड भी है एक विकल्प, अभी रहेगा इंतजार
महिलाओं को स्वामित्व कार्ड की बदौलत भी संपत्ति के आधार पर बैंक से लोन मिल सकता है। मुसीबत यह है कि यह योजना अभी पहाड़ में सिर्फ पौड़ी जिले में ही लागू हो पाई है। राजस्व विभाग के मुताबिक इस वर्ष पूरा पौड़ी जिला इसमें कवर किया जाएगा। पहाड़ के अन्य जिलों को अगले तीन साल में कवर किया जाना है।
पत्नियों को मालिकाना हक देने के मामले में न्याय विभाग से परामर्श मांगा गया है। परामर्श मिलते ही इस मामले को कैबिनेट में रखा जाएगा। कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द इस काम को पूरा कर लिया जाए। – सुशील कुमार, सचिव राजस्व