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अमरनाथ गुफा में बर्फ का शिवलिंग पिघला, एक हफ्ते में ही बाबा बर्फानी हो गए अंतर्ध्यान

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जम्मू, ठंडी और सर्दियों के लिए मशहूर कश्मीर घाटी में इस साल भयंकर गर्मी पड़ रही है. जम्मू समेत घाटी में भी इस साल तापमान ने रिकॉर्ड तोड़ा है. घाटी में इस साल तापमान 36 डिग्री के पार भी पहुंचा है, जिससे हीटवेव का खतरा बढ़ गया है. घाटी में इस साल बढ़े हुए तापमान का सीधा असर बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा पर भी पड़ा है जहां यात्रा शुरू होने के एक हफ्ते में ही शिवलिंग पिघलने की खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि बढ़ते तापमान की वजह से अमरनाथ गुफा में स्वयंभू शिवलिंग पिघल गए,
इस साल अमरनाथ यात्रा की बात करें तो यात्रा 29 जून से शुरू हुई है जो 19 अगस्त तक चलने वाली है. 52 दिन की इस यात्रा में अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा भक्त देशभर से बाबा के दर्शन कर चुके हैं. इस साल भी यात्रा पहलगाम और बालटाल रूट से हो रही है. इस साल की यात्रा में साढ़े तीन लाख यात्रियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है, जबकि जम्मू और कश्मीर में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी रखी गई है. हर दिन सैंकड़ों की तादाद में श्रद्धालु जम्मू से जत्थे में रवाना हो रहे हैं.
वहीं अगर बाबा अमरनाथ की बात करें तो उनकी गुफा 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. हर साल बाबा की गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ के शिवलिंग बनते हैं और काफी समय तक रहते हैं जिसके बाद बाबा अंतरध्यान हो जाते हैं. लेकिन इस साल ज्यादा गर्मी के चलते बाबा समय से पहले ही अंतरध्यान हो गए हैं. बावजूद इसके, देशभर से पहुंच रहे श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है. बाबा के भक्तों का कहना है कि उनकी भावनाएं बाबा से जुड़ी हुई हैं और वे बाबा के दर्शन करने के बाद ही वापस जाएंगे.
वहीं, शनिवार को पहाड़ों पर हो रही बारिश के कारण अमरनाथ तीर्थयात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. इसके अलावा उत्तराखंड में भी चारधाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को भी 2 दिन विश्राम करने की सलाह दी गई है. उत्तराखंड सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन ने खराब मौसम के चलते दोनों जगहों चल रही यात्राओं को रोकने का फैसला किया है. पहलगाम और बालटाल बेस कैंप से चलने वाली यात्रा को रोका गया है. अधिकारियों ने कहा कि भारी बारिश के कारण उत्तरी कश्मीर के बालटाल और दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप से यात्रियों को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है.

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