जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : प्रखंड बीरौंखाल व पोखड़ा की सीमा से सटे छ: गांवों के ग्रामीणों ने सड़क सुविधा का लाभ न मिलने पर आक्रोश जताया। कहा कि सड़क के इंतजार में कई साल बीत गए है, लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन ने ग्रामीणों की सुध नहीं ली है। सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को रोजाना पांच किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढनी पड़ती है। सड़क सुविधा के अभाव में अभी तक दो लोगों की बीमारी के कारण मौत भी हो गई है, जिन्हें सड़क तक लाने में काफी समय लग गया, जिसके कारण उनकी रास्ते में ही मौत हो गई है। सड़क सुविधा होती तो उन्हें समय पर हास्पिटल लाया जा सकता था।
वर्ष 2017-18 में शासन की तरफ से पोखड़ा बैजरो मोटर मार्ग से दिवान का बूंग-देवकंडई, भैंस्वडा,पांड, छनाखोली, नौखोली के लिए पांच किलोमीटर की स्वीकृति प्रदान की थी। लेकिन मोटर मार्ग में करीब आधा किलोमीटर का हिस्सा वन क्षेत्र की सीमा से लगा हुआ है। लेकिन अभी तक उक्त मोटर की अड़चनों को दूर नहीं करवाया गया। मोटर मार्ग न बनने से ग्रामीणों को रोजाना पांच किलोमीटर खड़ी चढाई चढ़नी पड़ती है, ऐसे में बीमार व गर्भवती महिलाओं को सड़क तक लाने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सड़क सुविधा के अभाव में बीमारी के चलते दो ग्रामीणों की मौत भी हो गई है। जिन्हें समय पर हास्पिटल नहीं पहुंचाया जा सका। अगर सड़क सुविधा होती तो बीमार लोगों को समय पर हास्पिटल पहुंचाया जा सकता था। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से शीघ्र ही ग्रामीणों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए गांव की सड़क बनावाने की मांग की है।