गोरण में मिलेगंगे बांध प्रभावितों को प्लॉट
नई टिहरी : टिहरी बांध से आंशिक रूप से प्रभावित थौलधार ब्लॉक के तल्ला उप्पू और तिवाड़गांव-मरोड़ा के ग्रामीणों को पुनर्वास के लिए चिह्नित जाख-डोबरा-चांठी मोटर मार्ग पर स्थित गोरण में प्लॉट आवंटित किए जाएंगे। टिहरी बांध पुनर्वास निदेशालय ने तल्ला उप्पू के 34 और तिवाड़गांव-मरोड़ा के 58 काश्तकारों के लिए प्लॉट आवंटन की कार्रवाई शुरू की है। ग्रामीणों का कहना है कि इससे पलायन पर रोक लगेगी।
टिहरी बांध परियोजना के कारण तिवाड़गांव-मरोड़ा और तल्ला उप्पू के ग्रामीणों की आंशिक जमीन अधिग्रहण की गई थी। ग्रामीण पूर्ण विस्थापन की मांग करते आ रहे थे। सरकार और टीएचडीसी ने तल्ला उप्पू के 34 काश्तकारों और तिवाड़गांव-मरोड़ा के 58 काश्तकारों को गोरण गांव में प्लॉट आवंटित करने का निर्णय लिया है। उनके पैतृक जमीन के बदले उतने ही क्षेत्रफल के प्लॉट दिए जाएंगे। तल्ला उप्पू के लिए 2 हजार 222 वर्ग मीटर और तिवाड़ गांव के लिए 24 हजार 888 वर्गमीटर भूमि के प्लॉट तैयार किए हैं। गोरण गांव टिहरी बांध से पूर्ण रूप से प्रभावित हैं। जिसका पुनर्वास पहले ही किया जा चुका है। लेकिन यह भूमि टिहरी झील के पास ही है, जिसे परियोजना हित के लिए टीएचडीसी ने अपने पास सुरक्षित रखा हुआ है। अधिशासी अभियंता पुनर्वास धीरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि उक्त गांवों की भूमि की प्रतिपूर्ति के लिए गोरण में प्लॉट विकसित किए गए हैं। विभाग ने इसकी विज्ञप्ति प्रकाशित कर 10 दिन के भीतर ग्रामीणों से लिखित रूप से सहमति व आपत्ति मांगी है। इसके लिए संघर्ष करने वाले तिवाड़गांव निवासी व पूर्व कनिष्ठ प्रमुख कुलदीप पंवार ने डीएम मयूर दीक्षित, टीएचडीसी के ईडी एलपी जोशी सहित पुनर्वास विभाग के कार्मिकों का आभार जताया है। कहा कि टिहरी बांध के पुनर्वास इतिहास में पहली बार किसी काश्तकारों को विस्थापन के लिए बाहरी जिलों में पलायन नहीं करना पड़ेगा। कहा कि उनके गांव के आसपास ही उन्हें प्लॉट मिलेंगे। जिससे भविष्य में गोरण से लेकर डोबरा तक एक नई टाउनशिप डेवलप होगी। इस कार्य के लिए क्षेत्र के लोगों ने भूख हड़ताल, धरना-प्रदर्शन सहित कई संघर्ष किया। जिसका आज उन्हें फल मिला है। (एजेंसी)