उत्तराखंड

खतरे के निशान से छह सेमी नीचे बह रही यमुना

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विकासनगर। यमुना का जल स्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इससे तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों की चिंता बढ़ने लगी है। मंगलवार को यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से मात्र छह सेंटीमीटर नीचे रिकॉर्ड किया गया। हालांकि टौंस नदी के जल स्तर में दो मीटर की कमी आई है। यमुना के कैचमेंट एरिया में लगातार हो रही बारिश पछुवादून के लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है। डाकपत्थर में मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करते ही यमुना के जल स्तर में वृद्धि होने लगी है। मंगलवार को यमुना का जल स्तर 455.31 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 455.37 मीटर पर है। जल स्तर में बढ़ोत्तरी होने से हरिपुर-कालसी, व्यास नहरी, जोहड़ी, व्यास भूड़ समेत डाकपत्थर बैराज के डाउन स्ट्रीम में भीमावाला, ढकरानी के लोगों की चिंता बढ़ गई है। बरसात के दौरान ढकरानी गांव की निचली बस्ती में हर साल पानी घुस जाता है। बावजूद इसके यहां बाढ़ सुरक्षा के कोई कार्य नहीं कराए गए हैं। इसके साथ ही भीमावाला में यमुना का पानी नुकसान करता है। इस बार जुलाई माह में ही जल स्तर बढ़ने से लोगों की चिंता बढ़ने लगी है। इसके साथ ही डाकपत्थर बैराज से अपर स्ट्रीम में हरिपुर, व्यास नहरी, व्यास भूड़ में बीते साल भी बाढ़ के पानी से काफी नुकसान हुआ था। यमुना पर बनी एक पुलिया के साथ ही स्थानीय लोगों की सैकड़ों बीघा जमीन बह गई थी। बाड़वाला और डुमेट की निचली बस्तियों में पानी भरने से लोग आधी रात को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे। हालांकि इस बार भी प्रशासन ने अलर्ट जारी किया हुआ है, लेकिन तटवर्ती क्षेत्रों में बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कवायद अभी शुरू नहीं की गई है। उधर, विकासनगर एसडीएम विनोद कुमार और कालसी के एसडीएम योगेश मेहरा ने बताया कि प्रशासन और आपदा प्रबंधन तंत्र किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

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