उत्तराखंड

संविदा पर नियुक्ति का जब नियम नहीं, तो किन्हें नियमित कर रही सरकार

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देहरादून। विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन ने सरकार की संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन ने बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेज कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। संगठन अध्यक्ष विनोद कवि ने कहा कि राज्य में 2003 और 2004 में सरकार आदेश कर संविदा पर समूह ग और घ में नियुक्ति पर रोक लगाई थी। जब नियुक्ति ही नहीं हुई, तो किसे नियमित किया जाएगा। यदि राज्य में संविदा के आधार पर नियमानुसार कोई नियुक्त हुआ है, तो वो उपनल कर्मचारी हैं। विनोद कवि ने कहा कि 2003 और 2004 में कार्मिक विभाग के आदेश में साफ किया गया है कि बिना कैबिनेट की मंजूरी के किसी भी विभाग में कोई भी संविदा पर नियुक्ति नहीं होगी। इन 20 सालों में कैबिनेट ने किसी भी संविदा कर्मचारी की नियुक्ति का कोई आदेश नहीं किया। राज्य में सिर्फ उपनल से ही विधिवत प्रक्रिया अपना कर उपनल संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है। इन्हीं उपनल संविदा कर्मचारियों को श्रम न्यायालय और हाईकोर्ट ने भी नियमितीकरण किए जाने का आदेश किया है। समान काम का समान वेतन देने की व्यवस्था की है। ऐसे में यदि सरकार संविदा कर्मचारियों को नियमित करने जा रही है, तो उपनल कर्मचारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाए। कहा कि उपनल कर्मचारियों को न मेडिकल की सुविधा मिल रही है। न ही उन्हें महंगाई भत्ते का लाभ दिया जा रहा है। शासन स्तर से महंगाई भत्ते का लाभ देने का जो आदेश हुआ था, उसे भी शासन ने 24 घंटे के भीतर निरस्त कर दिया था।

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