उत्तराखंड

ऋषिकेश में कूड़ा प्लांट बनाने को पेड़ काटने पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने गुमानीवाला ऋषिकेश के आबादी क्षेत्र में लगाए जा रहे कूड़ा निस्तारण प्लांट के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। बीते मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए प्लांट की जद में आ रहे 134 पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने तीन सप्ताह बाद की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार, ऋषिकेश निवासी समाजसेवी आशुतोष शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नगर निगम द्वारा सरकारी धन को ठिकाना लगाने के लिए आनन-फानन में गुमानीवाला में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने की अनुमति दे दी गई है। जिस क्षेत्र में यह प्लांट लगाया जा रहा है वह आबादी वाला क्षेत्र है। इस प्लांट में पांच शहरों के कूड़े का निस्तारण किया जाना है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नियमावली के अनुसार यह प्लांट आबादी क्षेत्र से बाहर लगाया जाना था। लेकिन नगर निगम ने इसे आबादी क्षेत्र में लगाने की अनुमति दे दी है। यह अनुमति सुप्रीम कोर्ट के 2019 के आदेश के खिलाफ भी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में कहा था कि ऐसे प्लांट आबादी क्षेत्र से बाहर स्थापित किए जाएं। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने शपथ पत्र में नगर निगम के उस पत्र को कोर्ट के सामने रखा जिसमें कहा गया कि इस प्लांट की जद में 134 पेड़ आ रहे हैं, उन्हें काटने की अनुमति दी जाए। याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने पेड़ कटान पर रोक लगा दी है।

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