कोटद्वार-पौड़ी

नुक्कड़ नाटक से बताया जंगलों का महत्व

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : राठ महाविद्यालय पैठाणी के विद्यार्थियों ने “जंगलों की पुकार” नामक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर ग्रामीणों को जंगलों के महत्व के बारे में बताया। इस दौरान ग्रामीणों ने पर्यावरण संरक्षण के साथ ही जंगलों की सुरक्षा का भी संकल्प लिया।
प्राध्यापिका डा. दुर्गेंश नंदिनी तिवारी के निर्देश पर महाविद्यालय बीएड तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने ग्राम मलुंड व ग्राम पैठाणी में अभियान चलाया। नाटक के माध्यम से जंगलों में लगने वाली आग, उससे जंगल के पर्यावरण को होने वाली हानि, जंगली जीवों की पीड़ा और जंगलों की आग का पर्यावरण व मानवों पर पड़ने वाले प्रभाव का बेहद प्रभावी और भावपूर्ण मंचन किया गया। अभियान के दौरान ग्रामीणों ने भी पर्यावरण व जंगलों को बचाने के लिए आगे आने का संकल्प लिया। विद्यार्थियों ने बताया कि धरती पर जीवन बचाने के लिए हमें पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा। इस मौके पर देवेश, अर्चना डिमरी, आशीष सिंह, दृष्टि घिल्डियाल, अंकित, अमीषा, दीपेंद्र रांगण, किरण कंडारी, गौतम, अंजलि, अभिषेक, करिश्मा गजवान, अंकिता बिष्ट, आरती भंडारी एवं कविता सिंह इस नुक्कड़ नाटक के पात्र रहे। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. उमेश चंद्र एवं डॉ. प्रदीप कुमार भी उपस्थित रहे।

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