एआई से संभावित खतरों पर जताई चिंता
श्रीनगर गढ़वाल : जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान चड़ीगांव में कृत्रिम बुद्धिमत्ता विषय पर शुक्रवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रत्येक डीएलएड प्रशिक्षु द्वारा चार्ट, पीपीटी के माध्यम से अपनी विषय वस्तु का प्रस्तुतीकरण दिया गया।
सेमिनार में एआई शब्द की उत्पत्ति, विकास ,विभिन्न क्षेत्रों में संभवता एवं सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विचार प्रस्तुत किए गए। प्रशिक्षुओं द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में जीनोमिक मेडिसिन, एआई आधारित विभिन्न एप्लीकेशन के उपयोग आदि बिंदुओं को उकेरा गया। कृषि, कानून व्यवस्था, जलवायु, शासन व्यवस्था आदि में भी एआई की उपयोगिता के बारे में बताया गया। भविष्य में एआई से संभावित खतरों की संकल्पना के तौर पर डाटा प्राइवेसी, रोजगार, डीप फेक आदि बिंदुओं पर चिंता जाहिर की गयी। डायट प्राचार्य स्वराज सिंह तोमर ने प्रशिक्षुओं के प्रयास की सराहना करते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जीवन में लाभ और हानि पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान प्रतियोगिता के सर्वश्रेष्ठ तीन छात्रों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित व सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये। मौके पर डॉ. एन पी उनियाल, डॉ. जे एस पुंडीर, नीलिमा शर्मा, डॉ. डीएस लिंगवाल, एमएस कलेठा, विनय किमोठी, संगीता डोभाल, अनुजा, जेएस कठैत आदि उपस्थित रहे। (एजेंसी)