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राखी पर नानी के घर आया था मासूम, आंगन से उठा ले गया गुलदार

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रिखणीखाल विकासखंड के अंतर्गत गुठेरथा ग्राम पंचायत के तोक गांव कोटा की घटना
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : रिखणीखाल विकासखंड के अंतर्गत गुठेरथा ग्राम पंचायत के तोक गांव कोटा में एक पांच साल के बच्चे को गुलदार ने अपना निवाला बना दिया। बच्चा अपनी मां के साथ नानी के गांव रक्षाबंधन मनाने के लिए पहुंचा था। घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। ग्रामीणों ने जंगल से बच्चे के शरीर के कटे हुए अंग बरामद किए। घटना के बाद से ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है।
कोटा गांव के निवासी भारत सिंह की बेटी अर्चना देवी का विवाह विकासखंड के उनेरी गांव में हुआ है। रक्षाबंधन पर्व पर वह सोमवार सुबह अपने पांच साल के बेटे आदित्य को लेकर अपने मायके कोटा गांव आई। दिन भर पूरे परिवार और गांव वालों के साथ उन्होंने उत्साह के साथ राखी का पर्व मनाया। देर शाम करीब सात बजे घर के पास घात लगाकर बैठे गुलदार ने बच्चे पर हमला कर दिया और जबडे़ में दबोचकर उसे झाड़ियों में ले गया। घटना की सूचना ग्रामीणों ने लैंसडौन की तहसीलदार शालिनी मौर्य को दी। उन्होंने रिखणीखाल के थानाध्यक्ष संतोष कुमार को घटनास्थल के लिए रवाना करवाया। देखते ही देखते आसपास के सैकड़ों लोग बच्चे की तलाश में जुट गए। ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार सुबह अर्चना का पति देवेंद्र सिंह उन्हें अपने वाहन से कोटा गांव के मुख्य मार्ग पर छोड़ गया था। मंगलवार सुबह उन्हें वापस उनेरी गांव लौटना था। देर शाम बच्चे के शरीर के कटे हुए अंग गांव के समीप जंगल से बरामद हुए। घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के पास काफी दिनों से एक गुलदार दिखाई दे रहा था। सोमवार को घटना से करीब आधा घंटा पहले भी गांव लौट रहे ग्रामीणों को रास्ते में गुलदार दिखा था। देवियोखाल और गुठेरथा क्षेत्र में गुलदार के हमले की यह पहली घटना है।

आंगन में खेल रहा था बच्चा
गुलदार बच्चे को उस समय उठाकर ले गया जब वह घर के आंगन में खेल रहा था। जब बच्चे को गुलदार द्वारा उठाए जाने का पता परिजनों को चला तो वह ग्रामीणों के साथ मिलकर उसकी तलाश करने लगे। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ है। ग्रामीणों ने वन विभाग से गुलदार को कैद करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में घूम रहे गुलदार के बारे में वह कई बार वन विभाग को भी सूचित कर चुके हैं। लेकिन, समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया।

घरों में कैद हुए ग्रामीण
घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत का महौल बना हुआ है। ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। शाम ढलते ही ग्रामीण घरों मे कैद हो रहे हैं। गुलदार की इस घटना से सबसे अधिक खतरा बच्चों व बुर्जुगों को बना हुआ है। घटना के बाद अभिभावकों का अपने बच्चों को स्कूल भेजना भी मुश्किल हो गया है।

वन विभाग ने लगाए पिंजरे व कैमरे
घटना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने गुलदार को पकड़ने की कार्रवाई तेज कर दी है। घटनास्थल व उसके आसपास के क्षेत्र में पिजरें लगाए जा रहे थे। साथ ही कैमरे भी लगाए गए हैं। गांव में वन विभाग की टीम भी तैनात की गई है। गुलदार की तलाश से लिए वन विभाग की टीम भी क्षेत्र में गश्त कर रही है।

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