उत्तराखंड

दो लाख क्विंटल चावल मिलों में पड़ा, विभाग के पास जगह ही नहीं

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हल्द्वानी। संभागीय खाद्य नियंत्रक के कार्यालय पर बुध‌वार को समस्या लेकर पहुंचे उत्तराखंड राइस मिलर्स एसोसिएशन पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने नाराजगी व्यक्त की। राइस मिलर्स विभाग के अधिकारियों से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपने आए थे। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना था कि उनके पास महज तीन दिन का समय बचा है। इस दौरान अगर उन्होंने सरकार को दिया जाने वाला चावल गोदामों में नहीं उतारा तो वे ब्लैक लिस्ट कर दिए जाएंगे। वहीं विभाग उनसे बार-बार गोदाम में जगह न होने की बात कह रहा है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि शाम चार बजे तक भी अधिकारी कार्यालय में नहीं मिले। ऐसे में उन्होंने खाद्य सचिव से फोन पर बातचीत की। इसके बाद उन्हें कार्यालय में मौजूद एसएमओ लता मिश्रा को ज्ञापन सौंपकर वापस लौटना पड़ा। दरअसल, राज्य की करीब 100 राइस मिलों में सरकार का दो लाख क्विंटल चावल डंप है। एसोसिएशन पदाधिकारियों का कहना है कि राइस मिलर्स कई बार सरकार के कोटे का चावल गोदाम में उतारने की बात कह चुके हैं लेकिन हर बार विभाग की ओर से गोदाम में जगह न होने की बात कही जा रही है। उत्तराखंड राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री नरेश कंसल ने बताया कि 31 अगस्त तक यह चावल सरकारी गोदाम में देना होता है। कई दिनों से वह विभागीय कार्यालय को पत्र लिखकर चावल उतारने के लिए कह चुके हैं। अब उनके पास तीन ही दिन शेष बचे हैं। कहा कि पूरे राज्य के करीब 100 राइस मिलर्स ब्लैक लिस्ट होने की कगार पर आ गए हैं। पदाधिकारी एवं सदस्य जब इस परेशानी को लेकर आरएफसी कार्यालय पहुंचे तो वह नहीं मिले। बाद में खाद्य सचिव से फोन पर बातचीत के बाद एसोसिएशन पदाधिकारी वरिष्ठ विपणन अधिकारी को ज्ञापन देकर लौट आए। ज्ञापन देने वालों में एसोसिएशन के मंत्री उमेश अग्रवाल, सौरभ सिंघल, मनोज कम्बोज, ईश्वर कंसल, श्याम अग्रवाल, अमन गर्ग आदि शामिल रहे। इस संबंध में संभागीय खाद्य नियंत्रक का पक्ष जानने के लिए उन्हें फोन किया गया लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ।

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