उत्तराखंड

पाबंदी के खिलाफ अब हाईकोर्ट की लेंगे शरण

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ऋषिकेश। मुनिकीरेती में ई-ऑटो की इंट्री रामझूला तक सुचारु नहीं हो पाई है। जिस पर ई-ऑटो मालिक वेलफेयर सोसाइटी ने अब हाईकोर्ट की शरण लेने का ऐलान किया है। आरोप लगाया कि उनका पुलिस प्रशासन उत्पीड़न कर रहा है। शुक्रवार को प्रेस क्लब में जय बदरी विशाल ई-ऑटो मालिक वेलफैयर सोसाइटी अध्यक्ष वीरेंद्र भारद्वाज ने प्रेसवार्ता की। बताया कि ई-ऑटो मालिक व चालकों के साथ मुनिकीरेती में उत्पीड़न किया जा रहा है। संभागीय परिवहन विभाग ने इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया है और न ही किसी तरह को कोई रूट निर्धारित किया गया है। बावजूद, पुलिस मनमर्जी से नियम बनाते हुए ई-ऑटो पर निर्भर परिवारों के रोजगार पर संकट में डाल रही है। बताया कि 100 से ज्यादा ई-ऑटो ऋषिकेश में संचालित किए जा रहे हैं। तीर्थाटन और पर्यटन क्षेत्र होने के चलते ज्यादातर लोग रामझूला और आगे तक जाने के लिए आते हैं, मगर पुलिस ने जानकी सेतु से आगे नहीं बढ़ने दे रही है, जिससे यात्रियों से विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो रही है। टेंपो यूनियनों से भी झड़प की वीडियो सोशल मीडिया पर वारयल हैं। भारद्वाज ने बताया कि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने रामझूला तक आवाजाही मिलने का भरोसा दिया था, जिसपर 19 दिन चले आंदोलन को स्थगित किया था, मगर पुलिस ने मंत्री की बात को भी दरकिनार कर दिया है। बताया कि संभागीय परिवहन विभाग से लेकर प्रशासन और पुलिस का दरवाजा खटखटाने के बाद भी न्याय नहीं मिल रहा है। लिहाजा, अब यूनियन ने हाईकोर्ट का रूख करने का फैसला लिया है। वार्ता में विरेंद्र गुप्ता, नरेश गिरि, रघुवर यादव, नानक प्रजापति, कालूराम, दीपक गिरि, रतनलाल, हीरामणि रतूड़ी, श्यामल दत्त, सुमित कुमार, प्रमोद शर्मा, अश्वनी चंदेल आदि मौजूद रहे।

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