दून में गौ ध्वज स्थापित करने 25 को पहुंचेंगे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
देहरादून। ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज आगामी 25 अक्तूबर को दून पहुंचकर गौमाता को राष्ट्रमाता की संवैधानिक प्रतिष्ठा दिलाने के लिए गौ ध्वज स्थापित करेंगे। इस दौरान जनसभा का भी आयोजन किया जा रहा है। यात्रा की तैयारी को लेकर गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा व गौ क्रांति मंच के कार्यकर्ता दून पहुंचे। प्रेस क्लब में हुई प्रेसवार्ता में गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा सह संयोजक एवं उत्तराखंड प्रभारी विकास पाटनी और अखिलेश ब्रह्मचारी ने बताया कि संवैधानिक रुप से गाय को राज्य सूची से हटाकर केन्द्रीय सूची में प्रतिष्ठित कर गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने तथा गौहत्या मुक्त भारत के लिए चलाए जा रहे गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन को तेज किया जाएगा। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज गत 22 सितम्बर से भारत के सभी प्रदेशों की राजधानी में जाकर गौ ध्वज स्थापित कर रहे हैं। 25 अक्तूबर को वह इस सिलसिले में दून पहुंचकर एक जनसभा को सम्बोधित करेंगे। इससे पूर्व भी वह 14 से 28 मार्च तक नंगे पैर गोवर्धन से दिल्ली तक की पदयात्रा कर चुके हैं। उनके मार्गदर्शन में गौ प्रतिष्ठा अभियान देशभर में निरन्तर गतिमान है। इस संवत्सर को गौ संवत्सर के रूप में भी घोषित किया है। गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन संयोजक गोपाल मणि महाराज भी इस यात्रा में शंकराचार्य के साथ चल रहे हैं। 26 अक्टूबर को यह यात्रा दिल्ली प्रस्थान करेगी। विकास पाटनी ने बताया कि यात्रा का उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन के लिए हिन्दुओं को जागृत कर एक सूत्र में पिरोना है। इसके लिए राजधानी दिल्ली में गोपाष्टमी पर 7, 8 और 9 नवम्बर को तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी गौ प्रतिष्ठा महासम्मेलन भी होगा। इस अवसर पर भारतीय गौ क्रान्ति मंच संरक्षक बलवीर सिंह पंवार, अध्यक्ष शूरवीर सिंह मतूड़ा, यशवंत रावत, आनन्द सिंह रावत, रविन्द्र सिंह राणा, डॉ. सीता जुयाल, तेजराम नौटियाल, भारतीय गौ क्रांति मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राम भूषण बिजल्वाण मौजूद रहे।