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वक्फ विधेयक पर जेपीसी की बैठक में बवाल

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दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी को अमर्यादित आचरण के लिए वक्फ विधेयक संबंधी संसदीय समिति से एक दिन के लिए निलंबित किया गया है। दरअसल वक्फ बोर्ड की बैठक में भाजपा और टीएमसी के सांसदों के बीच झड़प हो गई। बताया जा रहा कि इस झड़प में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी चोटिल हो गए।
अंगूठे और अंगुली में चोट
दरअसल, वक्फ विधेयक पर संयुक्त समिति की एक बैठक हो रही थी। तभी टीएमसी सदस्य कल्याण बनर्जी की भाजपा के अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ तीखी बहस हो गई। इस दौरान बनर्जी ने एक कांच की बोतल तोड़कर फेंक दी, जिससे उनके अंगूठे और तर्जनी में चोट लग गई।
बनर्जी का तुरंत किया गया इलाज
टीएमसी सांसद को तुरंत प्राथमिक उपचार देना पड़ा। बाद में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और आप नेता संजय सिंह उन्हें बैठक कक्ष में वापस ले जाते हुए नजर आए। अधिकारियों ने बनर्जी को सूप भी दिया।
इसलिए हुई बहस…
भाजपा के जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और वकीलों के एक समूह के विचार सुन रही थी। तभी विपक्षी सदस्यों ने सवाल किया कि विधेयक में उनका क्या हित है। इसके बाद बहस बढ़ गई।
पहले जानते हैं कि वक्फ क्या होता है?
वक्फ कोई भी चल या अचल संपत्ति हो सकती है, जिसे इस्लाम को मानने वाला कोई भी व्यक्ति धार्मिक कार्यों के लिए दान कर सकता है। इस दान की हुई संपत्ति की कोई भी मालिक नहीं होता है। दान की हुई इस संपत्ति का मालिक अल्लाह को माना जाता है। लेकिन, उसे संचालित करने के लिए कुछ संस्थान बनाए गए है।
वक्फ कैसे किया जा सकता है?
वक्फ करने के अलग-अलग तरीके हो सकते हैं। जैसे- अगर किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक मकान हैं और वह उनमें से एक को वक्फ करना चाहता है तो वह अपनी वसीयत में एक मकान को वक्फ के लिए दान करने के बारे में लिख सकता है। ऐसे में उस मकान को संबंधित व्यक्ति की मौत के बाद उसका परिवार इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। उसे वक्फ की संपत्ति का संचालन करने वाली संस्था आगे सामाजिक कार्य में इस्तेमाल करेगी। इसी तरह शेयर से लेकर घर, मकान, किताब से लेकर कैश तक वक्फ किया जा सकता है।कोई भी मुस्लिम व्यक्ति जो 18 साल से अधिक उम्र का है वह अपने नाम की किसी भी संपत्ति को वक्फ कर सकता है। वक्फ की गई संपत्ति पर उसका परिवार या कोई दूसरा शख्स दावा नहीं कर सकता है।

वक्फ की संपत्ति का संचालन करने वाले को क्या कहते हैं?
वक्फ की संपत्ति का संचालन करने के लिए वक्फ बोर्ड होते हैं। ये स्थानीय और राज्य स्तर पर बने होते हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में अलग-अलग शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड भी हैं। राज्य स्तर पर बने वक्फ बोर्ड इन वक्फ की संपत्ति का ध्यान रखते हैं। संपत्तियों के रखरखाव, उनसे आने वाली आय आदि का ध्यान रखा जाता है। केंद्रीय स्तर पर सेंट्रल वक्फ काउंसिल राज्यों के वक्फ बोर्ड को दिशानिर्देश देने का काम करती है। देशभर में बने कब्रिस्तान वक्फ भूमि का हिस्सा होते हैं। देश के सभी कब्रिस्तान का रखरखाव वक्फ ही करते हैं।

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