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फर्जी सोसाइटी बनाकर करोड़ों का गबन करने वाले गिरफ्तार

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लोगों को कम समय में अधिक व्याज, मैच्योरिटी धनराशि का देते थे लालत
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उत्तराखंड में फर्जी कॉपरेटिव सोसाइटी बनाकर में 92 करोड़ की धोखाधड़ी व अन्य राज्यों में 189 करोड़ का गबन करने वाले पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से दो फॉच्र्यूनर कार भी बरामद हुई हैं। पकड़े गए आरोपी लोगों को कम समय में अधिक ब्याज व मैच्योरिटी धनराशि देने का लालच देते थे।
कोटद्वार निवासी तृप्ति नेगी ने एलयूसीसी शाखा दुगड्डा के मैनेजर ग्राम देवडाली गुमखाल निवासी विनीत सिंह व कैशियर प्रज्ञा रावत के खिलाफ शिकायत दी थी। जिसमें बताया गया कि आरडी खुलवाने के नाम पर उक्त व्यक्ति उनसे पैसे लेते रहे। लेकिन, इसका कोई बांड नहीं दिया गया और न ही उसकी आरडी जाम की गई। शिकायत मिलते ही पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी। इसके लिए बकायदा एक विशेष टीम भी गठित की गई। जांच टीम के सामने आया कि गिरीश चन्द्र सिहं बिष्ट (जीसीएस बिष्ट) निवासी मीरा नगर, बीरभद्र ऋषिकेश ने वर्ष 2016 में आईडीपीएल ऋषिकेश में कंपनी/ सोसाइटी की ब्रांच की स्थापना की। साथ ही लोगों को इसमें पैसे लगाकर होने वाले फायदों के बारे में भी बताया। भरोसा कर लोगों ने पैसा लगाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे जीसीएस बिष्ट द्वारा उत्तराखंड में कुल 35 शाखायें खुलवायी गई। जिसमें जनपद पौड़ी में दुगड्डा, कोटद्वार, सतपुली, श्रीनगर एवं जनपद देहरादून, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी आदि में भी शाखायें खुलवायी गई। जीसीएस बिष्ट ने अपने अधीन चार मुख्य चेस्ट ब्रांच हेड बनायी, जिसमें मंगला निवासी मीरा नगर ऋशिकेश, तरूण मौर्य निवासी मीरा नगर ऋषिकेश, सोनू निवासी हर्बटपुर विकासनगर, उर्मिला बिष्ट निवासी ऋषिकेश शामिल हैं। उक्त चेस्ट ब्रान्चों का कार्य अन्य शाखाओं से पैसा लेना व जीसीएस बिष्ट के माध्यम से आगे भिजवाने का था। बाद में जीसीसीएस बिष्ट उत्तराखंड हेड बन गए व जिनके द्वारा विभिन्न सेमिनार करवाये गए तथा लोगों को पैसा इन्वेस्टमेन्ट करने के फायदे एवं लुभावनी स्कीमें बताकर लोगों को आकर्षित किया गया। जीसीएस बिष्ट ने जिन एजेंटों और ब्रांच मैनेजर के द्वारा कंपनी में ज्यादा पैसा इन्वेस्टमेंट कराया गया उन्हें विदेश घुमाने के साथ-साथ महंगी गाड़ियां भी गिफ्ट की।

विदेश घुमाने व फ्लैट गिफ्ट का देते थे लालच
वर्ष 2021 में मुकदमा उपरोक्त के अभियुक्त मैनेजर विनीत सिंह द्वारा जीसीएस बिष्ट व उर्मिला बिष्ट ब्रान्च मैनेजर छिद्दरवाला देहरादून के कहने पर दुगड्डा में भी एक शाखा खोली गयी थी। उक्त कंपनी के फायदों के बारे में लोगों को प्रभावित करने के लिये जीसीएस बिष्ट एवं उर्मिला बिष्ट द्वारा अपने साथियों के साथ कोटद्वार, दुगड्डा क्षेत्र में सेमिनार आयोजित किये गये। जिसमें कई लोगों ने पैसा लगाया। लोगों को बताया गया कि पैसा विदेश में तेल के कुओं और सोने की खदानों आदि में लगा है। साथ ही एजेन्टो को बताया गया कि आप लोग जितनी आरडी, एफडी करके दोगे आप लोगों को उतना ज्यादा कमीशन मिलेगा।

नहीं दी गई धनराशि
दुगड्डा ब्रांच में इस वर्ष लोगों की 50 लाख रुपए की धनराशि मैच्योर हो गई। लेकिन इस कंपनी/ सोसाइटी द्वारा किसी को अभी तक धनराशि वापिस नहीं दी गई। मामले में पुलिस ने ऋषिकेश आईडीपीएल निवासी उर्मिला बिष्ट, जगमोहन सिंह बिष्ट, कोटद्वार पदमपुर निवासी प्रज्ञा रावत, लैंसडौन गुमखाल निवासी विनीत सिंह, व ऋषिकेश मीरा नगर निवासी गिरीश चंद्र बिष्ट को गिरफ्तार किया है।

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