गोपेश्वर : महाकुम्भ प्रयागराज में देव भूमि उत्तराखण्ड के चारों धामों और यहां की संस्कृति और विरासत के भी दर्शन होंगे। ज्योतिष पीठ बदरीकाश्रम हिमालय के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरान्द महाराज की 9 जनवरी की विराट और भव्य पेशवाई में उत्तराखण्ड के चारों धामों की पवित्र झांकी और कुमाऊं गढ़वाल में पवित्र अनुष्ठानों में बजने वाले ढोल दमाऊ, रणसिंगे, शंख, तुरही के स्वर और थाप भी गूजेंगे। यह जानकारी देते हुए ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानन्द ने बताया कि महाकुम्भ में देव भूमि उत्तराखण्ड की देव संस्कृति और विरासत के दर्शन ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के सानिध्य में में होंगे। 13 जनवरी से आरम्भ होने वाले महाकुम्भ में सनातन धर्म के आचार्य ज्योतिष के शंकराचार्य की भव्य पेशवाई के बारे में बताते हुए ज्योर्तिमठ के प्रभारी ब्रह्म चारी मुकुंदानन्द महाराज ने बताया 9 जनवरी को शंकराचार्य महाकुम्भ प्रयागराज पहुंचेंगे। उनकी भव्य विराट पेशवाई में हजारों संत महात्मा, श्रदालु शामिल होंगे। ऊंट हाथियों के साथ निकलने वाली पवित्र पेशवाई में सबसे आगे गौ माता रहेंगी। ज्योतिष बदरिकाश्रम हिमालय के शंकराचार्य पद पर विराजमान होने के बाद शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरान्द महाकुम्भ में शामिल होंगे। प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुम्भ में शंकराचार्य की पेशवाई में उत्तराखण्ड के पवित्र और विश्व प्रसिद्ध आस्था के चार धामों की झांकी और उत्तराखण्ड के वाद्य यंत्र खास आकर्षण रहेंगे। (एजेंसी)