Sunday, January 12, 2025
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उत्तराखंड

एक सप्ताह की जांच डेढ़ माह बाद भी पूरी नहीं

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देहरादून। मसूरी वन प्रभाग में चार सौ ट्री गार्ड की खरीद में अनियमितता के आरोपों की जांच डेढ़ माह बाद भी पूरी नहीं हो पायी है। जबकि पीसीसीएफ ने इस मामले की जांच कर रिपोर्ट एक सप्ताह में मांगी थी। जांच में देरी पर अब जांच अधिकारी सीएफ यमुना को रिमाइंडर भेजकर जल्द जांच रिपोर्ट मांगी गई है। दरअसल पिछले साल जोगीवाला से सहस्रधारा रोड पर खैरी मानसिंह तक सड़क का चौड़ीकरण किया गया था। जिसके लिए एक हजार से ज्यादा पेड़ काटे गए थे। उनके बदले वन विभाग ने सड़क किनारे पौधे लगाए हैं। जिनकी सुरक्षा के लिए डिवीजन स्तर पर चार सौ ट्री गार्ड खरीदे जाने थे। ये ट्री गार्ड जैम पोर्टल के माध्यम से खरीदे गए। आरोप था कि जैम पोर्टल पर टेंडर करते हुए भी नियमों की अनदेखी की गई थी। ये भी आरोप था कि विभागीय खरीद नियमावली के अनुसार इतनी बड़ी खरीद के लिए एक समिति बनाई जानी थी, जो उस खरीद को वैरिफाई करने के बाद उसे अप्रूव भी करती। लेकिन समिति भी नहीं बनाई गई थी। इसके अलावा इसके लिए कोई वित्तीय स्वीकृति भी नहीं ली गई थी। जबकि टेंडर में दिए गए स्पेशिफिकेशन के अनुसार ट्री गार्ड भी नहीं बनाए गए। इनमें लोहे के एंगल की जगह पत्तियां और पाउडर कोटेड पेंट की जगह सामान्य पेंट किया गया था। जबकि कीमत दिए गए स्पेशिफिकेशन के अनुसार लगाई गई थी। पीसीसीएफ डा. धनंजय मोहन ने जांच सीएफ यमुना को सौंपकर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हो पायी है। इस पर नाराजगी जताते हुए वन मुख्यालय ने जांच जल्द पूरी कर रिपोर्ट देने का रिमाइंडर भेजा।
सीसीएफ गढ़वाल नरेश कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आयी है। इसके लिए मुख्यालय से रिमाइंडर आया है,जिसे जांच अधिकारी को भेज दिया है।

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