डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगने वाले गैंग का सरगना गिरफ्तार

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देहरादून। डिजिटल हाउस अरेस्ट कर देशभर के लोगों से करोड़ों की साइबर ठगी कर चुके गैंग का सरगना एसटीएफ की साइबर अपराध थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। राजस्थान निवासी आरोपी 19 साल नौजवान का है। आरोपी दून निवासी व्यक्ति से 2.27 करोड़ रुपये की ठगी में शामिल रहा। एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर के मुताबिक निरंजनपुर, देहरादून निवासी पीड़ित ने कुछ समय पहले मुकदमा दर्ज कराया। बताया कि बीते नौ सितंबर को उनके मोबाइल पर एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच से बताया। पीड़ित के आधार, मोबाइल फोन से अपराध होना बताकर व्हाट्सएप पर बात करने को कहकर फोन काट दिया गया। पीड़ित ने कॉल बैक कर फिर से बात करने की कोशिश की। इस दौरान नंबर कॉल लॉग से हट गया। फिर पीड़ित को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आयी। जिसमें सामने से एक व्यक्ति पुलिस अधिकारी की ड्रेस में बैठा था। उसने डराया कि पीड़ित के दस्तावेज से खुले खाते का उपयोग मनी लॉड्रिंग में हुआ है। इसके बाद एक गिरफ्तारी वारंट पीड़ित को भेजा। फिर डराया कि वह इस बारे में किसी को न बताएं तो बचाया जा सकता है। पीड़ित को नौ दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर अपने दिए बैंक खातों में 2.27 करोड़ रुपये जमा करवा लिए। यह रकम क्लीयरेंस के बाद वापस मिलने का झांसा देकर जमा कराई गई। रकम बीते 11 सितंबर से 17 सितंबर के बीच जमा कराई गई। रकम हासिल करने के बाद आरोपियों ने पीड़ित के नंबर को ब्लॉक कर दिया। पीड़ित ने साइबर अपराध थाने में केस दर्ज कराया। डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में जांच के दौरान जिन खातों में रकम जमा हुई, मोबाइल सर्विस देने वाली कंपनी, मेटा, गूगल आदि से ठगी प्रयुक्त तथ्यों पर जानकारी हासिल की गई। जांच के दौरान राजस्थान में एक आरोपी को चिन्हित किया गया। इंस्पेक्टर देवेंद्र नबियाल के नेतृत्व में टीम राजस्थान रवाना की गई। टीम ने बीते 18 जनवरी को जयपुर से 19 वर्षीय नीरज भट्ट निवासी अग्रवाल ब्वॉयज हॉस्टल, लैंडस्कैप पार्क, मानसरोवर, जयपुर को गिरफ्तार किया। आरोपी से मोबाइल में डाला गया वह सिम कार्ड बरामद हुए जिसके नंबर पर एयू स्माल फाइनेंस बैंक खाते में जमा हुई रकम के मैसेज पहुंच रहे थे। इस बैंक खाते के खिलाफ अरुणाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में ठगी की शिकायत दर्ज हैं।

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