विकासनगर। फॉरेस्ट फायर सीजन में हर साल जंगलों में लगने वाली आग से बहुमूल्य वन संपदा जलकर खाक हो जाती है। बीते साल वनाग्नि की घटनाओं से हुए नुकसान से सबक लेते हुए इस बार सरकार ने पहले ही तैयारियों को पुख्ता करने की कावायद शुरू कर दी है। इसके लिए 13 फरवरी को पूरे प्रदेश में एक साथ मॉक ड्रिल की जाएगी। मॉक ड्रिल में वन विभाग, पुलिस, एसडीआरएफ, राजस्व विभाग, जल संस्थान समेत अन्य कई विभाग शामिल होंगे। इसके तहत जंगल में भड़की आग पर काबू पाने से लेकर घायलों के उपचार के लिए अस्पतालों की व्यवस्थाओं को परखा जाएगा। पछुवादून में कालसी के निकट अमलावा नदी के किनारे मॉक ड्रिल के लिए तैयारियां की जा रही हैं। 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू हो जाएगा। फायर सीजन में वनाग्नि की घटनाओं को नियंत्रित करना वन विभाग के साथ सरकार के लिए भी चुनौती भरा साबित होता है। खासकर बीते कुछ साल में प्रदेश में वनाग्नि की घटनाओं से जन-धन का काफी नुकसान हुआ है। बीते साल जौनसार बावर क्षेत्र के जंगलों में भी वनाग्नि की घटनाएं काफी हुई हैं। चकराता छावनी के नजदीक लगी जंगल की आग पर काबू पाने में वन विभाग के साथ सेना के जवानों को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। बीते साल की घटनाओं से सबक लेते हुए इस साल फायर सीजन शुरू होने से पहले ही व्यवस्थाओं को पुख्ता करने के साथ उनकी जांच परख भी की जा रही है। इसी के तहत 13 फरवरी को कई विभागों की संयुक्त टीम का मॉक ड्रिल कराया जाएगा। चकराता वन प्रभाग के रिवर रेंज क्षेत्राधिकारी अनिल भट्ट ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य सभी टीमों को एक्टिवेट करना और जंगलों में आग लगने के दौरान कैसे बचाव कार्य किए जाएंगे, इसकी तैयारी को परखना है।