पाश्चात्य संस्कृति को देवभूमि पर थोप रही धामी सरकार

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यूसीसी के र्दो ंबदुओं को लेकर यूकेडी की पदयात्रा पहुंची देवप्रयाग
नई टिहरी : उक्रांद की यूसीसी कानून के दो बिंदुओं को वापस लिए जाने की मांग को लेकर गुरुकुल नारसन से नीति मलारी तक निकली पदयात्रा बुधवार को तीसरे दिन देवप्रयाग से शुरू हुई। उक्रांद ने बदरीनाथ धाम तीर्थ पुरोहित समाज से लिव इन रिलेशनशिप कानून के खिलाफ आगे आने का आह्वान किया। यात्रा संयोजक राजेंद्र बिष्ट ने कहा कि धामी सरकार लिव इन रिलेशन शिप से पाश्चात्य संस्कृति को देवभूमि पर थोपना चाहती है। वहीं एक वर्ष उत्तराखंड में निवासरत व्यक्ति को स्थायी निवासी बताकर राज्य के युवाओं के साथ छलावा किया जा रहा है। इस कानून से बाहर का व्यक्ति सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी रखेगा। राज्य के युवाओं को इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए। उक्रांद केंद्रीय महामंत्री बृजमोहन सजवाण ने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप कानून से समाज की मर्यादाएं समाप्त हो जायेगी। केंद्रीय प्रवक्ता आशुतोष नेगी ने कहा कि देवप्रयाग तीर्थ में जहां गंगा बनती है, विदेशों से लोग हिंदू संस्कृति अनुसार विवाह करने आते हैं, यह कानून देवभूमि की परंपराओं को समाप्त करेगा। उन्होंने कहा कि गंगा का पानी दूषित हो रहा है, नदियों के किनारे अवैध रूप से बन रहे बड़े होटल, रिजार्ट गंगा को प्रदूषित कर रहे हैं। गंगा नदी के दौ सौ मीटर के दायरे में बने अवैध निर्माण पर तत्काल कड़ी कारवाई की जाए अन्यथा उक्रांद स्वयं इनको तोड़ने का कार्य करेगा। टीकम राठौड़ ने कहा कि यूसीसी के काले कानून से सरकार देवप्रयाग जैसे संगम स्थल को गोवा बनाना चाहती है, जिसे नहीं होने दिया जायेगा। यात्रा में उक्रांद ने संगम से रघुनाथ मन्दिर तक पर्वतीय वाद्यों के साथ जन जागरण किया। मलेथा में वीर माधो सिंह भंडारी के स्मारक में श्रद्धासुमन अर्पित भी किया गया। पद यात्रा में बृज मोहन सजवाण, शशि बंगवाल, विमला बहुगुणा, टीकम राठौड़, पत्रकार आशुतोष नेगी, आशीष नेगी, अर्जुन नेगी, आकाश नौटियाल, देवेश सेन, जितेंद्र सिंह, संजीव भट्ट, प्रीति भूषण ममगाई, प्रदीप नेगी, सोनू कार्की आदि शामिल हैं। (एजेंसी)

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