अब बालवाटिका में भी होगी गढ़वाली भाषा में प्रार्थना सभा

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चमोली। चमोली जनपद के बालवाटिका केंद्रों में गढ़वाली भाषा में प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा। अब प्रार्थना सभा में स्थानीय भाषा के दैणी हे जाए ए मां सरस्वती, नमो भगवती मां सरस्वती, देंणा होया खोली का गणेशा, उत्तराखंड मेरी मातृभूमि, धरती हमरे गढ़वाल की, जै जै हो बदरीनाथा जय काशी केदार जै जै हिमाला…जैसे स्थानीय भाषा की प्रार्थना और समूहगान सुनाई देंगे l जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर में चल रहे सात दिवसीय सपोर्ट टू प्री प्राइमरी के तहत सात दिवसीय प्रशिक्षण के समापन सत्र में कार्यक्रम के समन्वयक राजेंद्र मैखुरी ने कहा कि संस्थान चमोली के प्राचार्य आकाश सारस्वत के निर्देश पर वर्तमान में जनपद के सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में बहुभाषी प्रार्थना सभा का आयोजन हो रहा है जिसमें दिवसवार हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत एवं गढ़वाली में प्रार्थना सभा का आयोजन होता है अब प्राथमिक विद्यालयों के साथ चल रहे बालवाटिका केंद्रों में भी गढ़वाली भाषा में प्रार्थनासभा का आयोजन होगा l
प्रभारी प्राचार्य लखपत बर्त्वाल ने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां बच्चों के विकास से संबंधित शारीरिक, संज्ञानात्मक, भाषाई ,सृजनात्मक एवं भावनात्मक आदि को विकसित करने में सफल रहेंगे। बालवाटिका में सीखने की प्रक्रिया को सरल, सहज और खेल आधारित बनाया गया है। इसे क, ख, ग आधारित भी कहा जाता है। जिसमें कहानी, खेल और गतिविधि आते हैं। मौके पर शोभा बिष्ट, पूजा रजवार, अंजना रावत, अनीता नेगी, गीता लिंगवाल, सरला काला, पार्वती देवी, बच्चन जितेला, गोपाल कपरूवाण, सुमन भट्ट, मोहित देवराडी, राहुल शाह डॉ. कमलेश मिश्र थे। कार्यक्रम के समन्वयक राजेंद्र मैखुरी ने यह भी बताया कि वर्तमान सत्र में जनपद के 155 बालवाटिका कार्यकत्रियों को तीन चरणों में सात दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाना है इसके तहत प्रथम चरण में जनपद के 56 आंगनबाड़ी केंद्रों के कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण दिया गया है। द्वितीय चरण का प्रशिक्षण दिनांक 18 फरवरी से प्रारंभ होगा।

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