बेस अस्पताल में दो चिकित्सकों के भरोसे आकस्मिक सेवाएं

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बेस अस्पताल में सात चिकित्सकों के सापेक्ष मात्र दो के भरोसे चल रही सेवाएं
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : राजकीय बेस चिकित्सालय कोटद्वार में आकस्मिक सेवाएं भगवान भरोसे चल रही है। हालत यह है कि अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में सात चिकित्सकों के सापेक्ष मात्र दो चिकित्सकों के भरोसे ही आकस्मिक सेवाएं संचालित की जा रही हैं। ऐसे में कैसे मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा यह बड़ा सवाल है। जबकि, अस्पताल में पहाड़ी क्षेत्रों के साथ मैदान के सैकड़ों मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं।
जनपद पौड़ी के विभिन्न प्रखंडों के साथ ही कोटद्वार नगर निगम व सीमावर्ती क्षेत्र से सटे जिला बिजनौर के कई मरीज राजकीय बेस चिकित्सालय पर ही निर्भर हैं। भले ही ओपीडी दोपहर दो बजे बंद हो जाती हो। लेकिन, आपातकालीन कक्ष में 24 घंटे मरीज उपचार करवाने के लिए पहुंचते रहते हैं। कई बार गंभीर रूप से बीमार व घायल मरीजों को आपातकालीन कक्ष में प्राथमिक उपचार देने के बाद ही उन्हें हायर सेंटर रेफर किया जाता है। लेकिन, बेस अस्पताल की आपातकालीन सेवाएं इन दिनों स्वयं आपातस्थिति में पहुंच गई हैं। दरअसल, कुछ दिन पूर्व तक आपातकालीन कक्ष की व्यवस्थाएं सात चिकित्सक संभाल रहे थे। अब यह जिम्मेदारी मात्र दो चिकित्सकों के कंधों पर आ गई है। अस्पताल प्रशासन की माने तो एक चिकित्सक का स्थानांतरण पौड़ी हो गया। दो ने सेवा से त्यागपत्र दे दिया है। जबकि, दो चिकित्सक आगे की पढ़ाई करने के लिए चले गए हैं। वर्तमान में डा. कोमल व डा. आकांक्षा ही आपातकालीन सेवाओं को संभाल रही है।

चिकित्सकों पर अतिरिक्त भार
आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में चिकित्सकों की कमी के चलते अब नियमित चिकित्सकों के सिर पूरी जिम्मेदारी आ गई है। आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में महज दो चिकित्सक होने के कारण नियमित चिकित्सकों को अब आकस्मिक चिकित्सा कक्ष की भी ड्यूटी संभालनी पड़ेगी। बताना जरूरी है कि आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में चौबीस घंटे चिकित्सक की तैनाती होती है। बताना यह भी जरूरी है कि बेस चिकित्सालय में चिकित्सकों के 58 स्वीकृत पदों के सापेक्ष मात्र 18 पदों पर ही चिकित्सक तैनात हैं।

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