देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा सरकार की ओर से लागू किए गए समान नागरिक संहिता कानून का कांग्रेस ने विरोध किया है। खासकर लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस 20 फरवरी को विधानसभा कूच कर प्रदर्शन करेगी और सरकार को चेताने का काम करेगी। वहीं, दूसरे तरह यूसीसी को लेकर 10 सवालों को लेकर जनता के बीच जाएगी। अगले दो माह तक होने वाले इस जनमत संग्रह से निकलने वाले निष्कर्ष को ज्ञापन के साथ राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। प्रदर्शन के दौरान उत्तराखंड में सख्त भू-कानून, मूल निवासी और प्रीपेड स्मार्ट विद्युत मीटर का मुद्दा भी उठेगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश में लागू यूनिफॉर्म सिविल कोड में लिव-इन-रिलेशन के लिए किए गए गए प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए इसे उत्तराखंड राज्य की गरिमा और संस्कृति के खिलाफ बताया। मंगलवार को कांग्रेस मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए माहरा ने कहा कि कांग्रेस यूसीसी के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन के माध्यम से आम जनता की राय एकत्र करेगी। इसके लिए एक फार्म का प्रारूप तैयार किया गया है। जिसमें यूसीसी से संबंधित 10 सवालों को शामिल किया गया है। जिसे बाद में ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। माहरा ने कहा कि यूसीसी बाहरी लोगों को एक साल के रहवास पर उत्तराखंड राज्य का निवासी बनाने का षड्यंत्र है। इसमें जिस प्रकार की धारायें हैं, कांग्रेस उसका विरोध करती है।
मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने कहा कि उत्तराखंड को इस अनावश्यक प्रक्रिया में झोंक कर सत्तारूढ़ भाजपा बुनियादी सवालों से ध्यान भटका रही है। वरिष्ठ अधिवक्ता विरेन्द्र सिंह खुराना ने कहा कि यूसीसी में 378 से लेकर 389 तक की धाराएं, जो लिव-इन रिलेशन से संबंधित हैं, उनसे उत्तराखंड की संस्कृति को एक बड़ा खतरा पैदा हो गया है।