एडवोकेट संशोधन बिल का किया विरोध, लाइसेंस सरेंडर किए जाने की दी चेतावनी

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी :: जिला अधिवक्ता संघ पौड़ी ने नए प्रस्तावित एडवोकेट संशोधन बिल-2025 को अधिवक्ताओं के हितों पर कुठाराघात बताया है। उन्होंने कहा कि नया प्रस्तावित बिल अधिवक्ताओं के हितों के खिलाफ है। जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। संघ के अध्यक्ष ने कहा कि समस्त अधिवक्ताओं ने इस बिल का पुरजोर विरोध का निर्णय लिया है। कहा संशोधन जल्द वापस नहीं लिए जाते हैं, तो अधिवक्ता अदालती कार्यों का बहिष्कार व न्यायिक कार्यों से विरत रहेंगे। संघ पदाधिकारियों ने संशोधन वापस नहीं लिए जाने पर बार लाइसेंस सरेंडर किए जाने की चेतावनी दी है। साथ ही आगामी 25 फरवरी को विरोध स्वरुप न्यायि कार्यों से विरत रहने का निर्णय लिया है।
बुधवार को न्यायालय परिसर स्थित संघ भवन सभागार में जिला अधिवक्ता संघ की बैठक का आयोजन हुआ। इस मौके पर संघ के अध्यक्ष सुभाष चंद्र रतूड़ी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित एडवोकेट संशोधन बिल-2025 में प्रस्तावित संशोधन अधिवक्ताओं के हितों पर कुठाराघात है। कहा किसी भी वाद के प्रकरण में दोनों पक्षों में से जो भी पक्ष हारेगा, उसके खिलाफ पीड़ित पक्ष मुकदमा दर्ज करने का हकदार बनाया जा रहा है। अदालत में वाद की जिरह के बाद फैसला होता है। ऐसे संशोधन से अधिवक्ता वकालत ही नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा भी कई अन्य प्रावधान अधिवक्ताओं के हितों के विपरीत हैं। इस अवसर पर संघ के सचिव कुसुम नेगी, उपाध्यक्ष महेश बलूनी, सह-सचिव रश्मि रावत, कोषाध्यक्ष गजेंद्र रावत, केपी मैठाणी, जयदर्शन बिष्ट, अमृता रावत आदि मौजूद रहे।

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