धारा 285 बीए के तहत वित्तीय लेन-देन की जानकारी होनी जरूरी

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श्रीनगर गढ़वाल : गढ़वाल विश्वविद्यालय के सीनेट सभागार में आयकर विभाग देहरादून द्वारा आयकर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में वित्तीय लेन-देन, ई-सत्यापन, आईटीआर यू से संबंधित जानकारियां साझा की गई। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य करदाताओं को जागरूक कर सुविधा प्रदान कर अनुपालन को सरल बनाना तथा कर संग्रहण में वृद्धि कर विकसित भारत 2047 के वीजन को सशक्त करना रहा। कार्यशाला में रुद्रप्रयाग, श्रीनगर एवं कीर्तिनगर समेत विभिन्न क्षेत्रों से 120 से अधिक करदाता एवं रिपोर्टिंग संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। आयकर विभाग देहरादून की ओर से आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता आयकर निदेशक (आसूचना व आपराधिक अन्वेषण), कानपुर, राकेश कुमार गुप्ता ने की। अपर आयकर निदेशक पीयूष कोठारी ने स्वागत भाषण के साथ आयकर विभाग के उद्देश्यों को साझा किया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि विभिन्न सेवा प्रदाताओं द्वारा आयकर की धारा 285 बीए के तहत वित्तीय लेन-देन की जानकारी देना अनिवार्य है। उन्होंने आईटीआर (यू) के माध्यम से करदाताओं को अपनी छूटी हुई जानकारियां अपडेट करने की सुविधा पर प्रकाश डाला। बताया कि अपडेट आयकर फाइल करने का समय दो से बढ़ाकर चार साल किया गया है। कार्यक्रम में आयकर अधिकारी विपिन भट्ट ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से एसएफटी फॉर्म 61 एवं 81ए, रिपोर्टिंग एंटिटी की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया तथा इसमें आने वाली समस्याओं के समाधान पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही अधिकारियों ने ई सत्यापन स्कीम एवं धारा 139(8) के तहत आईटीआर (यू) की उपयोगिता पर भी चर्चा की। इस मौके पर कुलसचिव प्रो. आरके ढोडी, प्रो. मंजुला राणा, प्रो. एमएस नेगी, व्यापार सभा अध्यक्ष दिनेश असवाल, चार्टेड अकाउंटेंट वेदव्रत शर्मा, कर अधिकवक्ता प्रशांत नौटियाल, मुकेश सेमवाल अन्य शामिल रहे। (एजेंसी)

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