भू कानून:उत्तराखंड की संस्कृति की रक्षा को सख्त भू कानून जरूरी: निशंक

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देहरादून। पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति और संसाधनों की रक्षा के लिए सख्त भू कानून जरूरी है। कैबिनेट में भू कानून को मंजूरी मिलने पर निशंक विधानसभा पहुंचे और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को बधाई देते हुए आभार जताया। निशंक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड का अधिकांश क्षेत्र वनों से आच्छादित है। जबकि शेष में कृषि, आवास, सरकारी कार्यालय एवं भवन, शैक्षणिक संस्थाएं और उद्योग स्थापित होने होते हैं, ऐसी स्थिति में उत्तराखंड की एक- एक इंच भूमि को संरक्षित करना नितांत जरूरी हो चुका है। कहा कि उत्तराखंड की जनता की वर्षों पुरानी मांग और उनकी भावनाओं का धामी सरकार ने सम्मान किया है। निश्चिततौर पर यह एक ऐतिहासिक फैसला है।उन्होंने कहा कि यह फैसला केवल एक भू-कानून नहीं, बल्कि हमारी भावी पीढ़ियों के उज्जवल भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प भी है। कहा कि डबल इंजन की सरकार ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि उत्तराखंड के विकास, आत्मनिर्भरता और मूल पहचान को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए वह पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।निशंक ने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री पुष्कर धामी नए और ठोस फैसले ले रहे हैं निश्चित ही इसका लाभ प्रदेश को मिलेगा, चाहे वो सख्त नकल विरोधी कानून हो, यूसीसी हो, सख्त भू कानून हो।

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