लोगों को वनों के प्रति सोच बदलने की जरूरत

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फायर फाइटरों ने वनाग्नि प्रबंधन व रोकथाम के गुर सीखे
जयन्त प्रतिनिधि।
सतपुली : द हंस फाउंडेशन के तत्वावधान में वनाग्नि शमन एवं रोकथाम परियोजना के अंतर्गत वन अग्नि प्रबंधन व रोकथाम पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन सतपुली में किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि कहा कि सभी लोगों को वनों के प्रति सोच बदलने की जरूरत है, वन सिर्फ पिकनिक मनाने के लिए ही नहीं दैनिक जरूरतों के साथ-साथ आजीविका और हमारी धरोहर भी हैं, इसको बचाना हम सब की जिम्मेदारी है।
शुक्रवार को विकासखंड जयहरीखाल के अंतर्गत 10 गांवों के 60 चयनित फायर फाइटरो को वन विभाग, एसडीआरएफ के अधिकारियों ने प्रशिक्षण दिया। हंस फाउंडेशन सामुदायिक विकास विशेषज्ञ सतीश बहुगुणा ने कहा कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समुदाय के साथ मिलकर वनों मे लगने वाली आग के प्रति लोगों को जागरूक करना और ग्राम स्तर पर वनाग्नि की घटनाओं को कम करना हैं। बताया कि द हंस फाउंडेशन के द्वारा वॉलिंटियर फायर फाइटरो का 10 लाख का बीमा भी किया गया है। वन क्षेत्राधिकारी जयहरीखाल लैंसडाउन बिशन दत्त जोशी, जयहरीखाल रेंज के दरोगा हरक सिंह दानु ने वनों में आग लगने के कारणों और इसके रोकथाम के उपायों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वनों की आग से जलवायु परिवर्तन, मिट्टी की उर्वरता शक्ति खत्म हो जाती हैं। एसडीआरएफ प्रभारी गब्बर सिंह ने वनों को आग से बचाने के दौरान चोट लगने या किसी भी तरह अपरिहार्य घटना के दौरान किस तरह रेस्क्यू करना है के बारे में बताया। इस मौके पर पुलिस प्रशासन से उपनिरीक्षक कोमल राठौर, वन विभाग से वन दरोगा रमेश गुसाई, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर संजय बजवाल, रोहित गरिया, रूपनारायण कोटियाल, संदीप रमोला, रेखा देवी, किरन, अंजू आदि मौजूद थे।

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