जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : खाली होते लैंसडाउन की दर्द भरी कहानी छावनी नगरी में पलायन एक ऐसी बीमारी का रूप लेते जा रहा है। जिसका आने वाले समय में इलाज शायद संभव हो, छावनी नगरी खाली होती जा रही है। घर खंडहर हो रहे हैं। आंगन में झाड़ियां उग रही है। दर्द भरी कहानी है पौड़ी जिले के पर्यटन नगरी लैंसडाउन की।
व्यापार मंडल अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि सदर बाजार में दिनों दिन काम कम हो रहा है। ऊपर से छावनी टैक्सों का भार। बुनियादी सुविधाओं की कमी इस वजह से लोग यहां से पलायन कर रहे हैं। धीरे-धीरे पर्यटन नगरी लैंसडाउन खाली होती जा रही है। यहां की दुकानों में ज्यादातर बुजुर्ग ही रह गए हैं। युवा यहां से पलायन कर चुके हैं। पलायन होने का मुख्य कारण काम की कमी है। पलायन करने वालों में व्यापारी, लेबर क्लास, रेस्टोरेंट, होटल में काम करने वाले आदि शामिल है। इस सबके बीच इस सवाल का जवाब कोई नहीं दे पा रहा कि प्रवासी लोगों को हो रही परेशानी और पलायन असली जिम्मेदार कौन है। प्रशासन, केंद्र सरकार या फिर हालात। सैनिक सुविधा परिसर की स्थापना सैनिकों के लिए कर ली गई है। सेना मुख्यालय होते हुए पलायन अपने आप में आश्चर्यचकित करता है।