जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के प्रभावी क्रियान्वयन और लोगों को इससे जुड़ी सही जानकारी देने के उद्देश्य से प्रेक्षागृह जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में यूसीसी सदस्य मनु गौर ने लोगों की शंकाओं का समाधान किया। उन्होंने कहा कि अफवाह फैलाई जा रही है कि उत्तराखंड में यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण कराने से बाहरी लोगों को राज्य का निवास प्रमाणपत्र (डोमिसाइल) मिल जाएगा। यह पूरी तरह गलत और भ्रामक है। यूसीसी में विवाह या अन्य पंजीकरण का राज्य के निवास प्रमाणपत्र से कोई संबंध नहीं है और न ही इस संहिता में ऐसा कोई प्रावधान है। यूसीसी को लेकर अफवाह फैलाना या झूठी जानकारी प्रसारित करना कानूनन अपराध है।
कार्यशाला में मनु गौर ने बताया कि सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर समान नागरिक संहिता के कुछ प्रावधानों को लेकर भ्रामक और गलत जानकारी फैलाई जा रही है। कार्यशाला में यूसीसी के कानूनी प्रावधानों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। मनु गौर ने बताया कि 27 जनवरी से प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू हो चुकी है। इसके तहत सभी धर्मों और समुदायों के सामाजिक अधिकारों में सामंजस्य स्थापित करने और एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है। यूसीसी में विवाह, विवाह विच्छेद, सहवासी संबंधों के पंजीकरण की अनिवार्यता और उसकी प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी गई। बताया कि 26 मार्च 2010 के बाद हुए विवाहों का पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में अधिशासी अधिकारी और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सब-रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेंगे। सब-रजिस्ट्रार विवाह पंजीकरण के आवेदन प्राप्त कर सकते हैं और आवेदन मिलने के 15 दिनों के भीतर विवाह पंजीकरण या अस्वीकृति आदेश जारी किया जाएगा। त्वरित सेवा के तहत यह समय सीमा तीन दिन होगी। इस मौके पर पीडी विवेक कुमार उपाध्याय, डीडीओ मनविंदर कौर, एसडीएम धुमाकोट रेखा यादव, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक रणजीत सिंह नेगी, जिला पूर्ति अधिकारी अरुण कुमार वर्मा, जिला पर्यटन विकास अधिकारी खुशाल सिंह नेगी आदि शामिल रहे।