जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के ज्ञापन कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री सीताराम पोखरियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी सहित सभी 70 विधायकों को पुरानी पेंशन बहाली हेतु ज्ञापन सौंपे। ज्ञापन में एनपीएस, यूपीएस के साथ ओपीएस का विकल्प देने की मांग की गई। श्री पोखरियाल ने बताया कि 23 मार्च को राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में दिल्ली के जंतर मंतर में एक विशाल महारैली की तैयारी चल रही है, यदि सरकार शीघ्र कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो कर्मचारी उत्तराखंड में उग्र आंदोलन हेतु बाध्य होंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.पी. सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड की कार्यकारिणी लगातार संघर्ष कर रही सरकार को उनकी मांग को अनदेखा नहीं करना चाहिए। प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने कहा कि ज्ञापन कार्यक्रम पुरानी पेंशन बहाली की रणनीति के तहत गांधीवादी तरीके से पूर्व में भी चलाया गया है, सरकार अपने विधायकों की पेंशन और भत्तों को तो बढ़ा रही है, किंतु कर्मचारियों की सुध नहीं ले रही है। प्रदेश अध्यक्ष जयदीप रावत ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की बुढ़ापे की लाठी को छीनने का काम किया है, 40 वर्ष सरकार की सेवा करने के बाद उनको अनाथ की तरह छोड़ा जा रहा है जो कि एक अमानवीय व्यवहार है। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मनोज अवस्थी ने कहा कि विधायक एक दिन के लिए भी अगर बनता है तो उसे पुरानी पेंशन का लाभ मिलता है और यदि कोई विधायक एक बार से अधिक चाहे जितनी बार भी चुना जाता है वह उतनी ही बार की अलग-अलग पेंशन लेता है और जो कर्मचारी 60 वर्ष तक सरकार के लिए अपना जीवन खपाता है उसे 800-1200 की पेंशन दी जा रही है, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि कर्मचारियों की पेंशन को सरकार बोझ बता रही है। प्रदेश महामंत्री सीताराम पोखरियाल ने कहा कि पूर्व में भी सांसदों, विधायकों को अनेकों बार ज्ञापन दिया गया है, लेकिन अफसोस है कि कर्मचारियों की मांग को सरकार अनदेखा कर रही है। कहा कि सरकार कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। अपनी पेंशन और वेतन भत्ते बढ़ाने के लिए सभी माननीय एक हो जाते हैं, जबकि कर्मचारियों की मांग पर चुप्पी साध लेते हैं।