शिक्षक संघ ने की लंबित मांगों को जल्द पूरा करने की मांग
हरिद्वार। उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ ने हरिद्वार के अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की लंबित मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की है। आगामी 23 नवंबर तक संगठन की मांगों को शिक्षा विभाग द्वारा पूरा नहीं किया गया तो संगठन मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेगा। शनिवार को उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ.आनंद भारद्वाज को कार्यालय में दस सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया। संघ नेताओं का कहना है कि कई बार लिखित एवं मौखिक रूप से सीईओ को प्रवक्ता 50 प्रतिशत पदों पर एलटी वेतनक्रम से अर्ह सहायक अध्यापकों की पदोन्नति के लिए प्रबंधक और प्रधानाचार्य को गंभीरता से आदेश जारी नहीं किया है। अब तक जिनकी पदोन्नति होनी चाहिए थी, नहीं हुई है। कहा कि 50 प्रतिशत पदों को पदोन्नति से भरने की दशा में सीधी भर्ती के आदेश जारी किए जाएं। संघ का कहना है कि सीएमडी इंटर कॉलेज चुड़ियाला के प्रबंध संचालक और शिक्षकों एवं कर्मचारियों का शोषण करते आ रहे हैं। शिकायत के बाद भी प्रबंध संचालक को दायित्व मुक्त नहीं किया गया। जिलाध्यक्ष राजेश सैनी ने कहा कि गठित समिति द्वारा चयन प्रोन्नत वेतनमान की स्वीकृति के बावजूद लेखा विभाग में कई शिक्षकों के वेतन निर्धारण के कार्य लंबित पड़े हैं। आर.एमपीपीपी इंटर कॉलेज नारसन के प्रभारी प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर प्रमाणित कर उन्हें विधिवत रूप से कार्य करने दिया जाए। उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच पूर्व में हो चुकी है। उन पर कोई आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं। प्रधानाचार्य को पद से हटाने की कार्रवाई विद्यालय में गुटबाजी को बढ़ावा देने वाली है। जिससे शैक्षणिक माहौल भी खराब हो रहा है संगठन के जिला मंत्री जितेंद्र सिंह पुंडीर ने कहा कि बीएसएम इंटर कॉलेज रुड़की के सहायक अध्यापक को पिछले 8 महीने से वेतन नहीं मिलने से वह भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है। उनको तत्काल वेतन जारी करने की मांग की गई। सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान नहीं किया गया है जबकि वेतन वृद्धि की तिथि जनवरी व जुलाई की जनपद में माध्यमिक शिक्षकों की ग्रांट उपलब्ध न होने के कारण सितंबर अक्तूबर का वेतन जारी नहीं किया गया है। आठ विद्यालय ऐसे हैं। जिन्हें अगस्त का वेतन भी नहीं मिला है। कई कॉलेज के शिक्षक व कर्मचारियों को त्योहारी सीजन में भी जून जुलाई-अगस्त, सितंबर और अक्तूबर से वेतन नहीं मिला है। शिक्षकों को आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है।मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज ने बताया कि शिक्षकों का ज्ञापन मिला है। जिसे निदेशालय भेजा जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान शिक्षकों को अनुपस्थित दिखाने पर बिफरे
उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा कि कोई भी ऐसा आदेश शिक्षकों के पास नहीं था। जिसमे दो नवंबर से पहले विद्यालयों में उपस्थित होना रहा हो। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने 29 नवंबर को भगवानपुर ब्लॉक के कई विद्यालयों का निरीक्षण किया। जिसमें उन्होंने अध्यापकों को अनुपस्थित बताया है। कोरोना महामारी के संकट काल में खतरा उठा कर भी शासन एंव विभाग के आदेश अनुसार कोरोना वायरस में दिन रात काम किया। ऐसे में शिक्षकों की अनुपस्थिति दर्शाकर उनका मनोबल गिराने का काम किया जा रहा है। इसका विरोध किया जाएगा।