वन पंचायत को प्रधान के अधीन लाने का विरोध

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चम्पावत। सरपंचों ने वन पंचायत को प्रधान के अधीन लाने संबंधी प्रस्ताव का विरोध किया है। संगठन ने छह सूत्रीय मांगों को लेकर देहरादून में विधान सभा अध्यक्ष से मुलाकात कर ज्ञापन दिया। चम्पावत सरपंच संगठन अध्यक्ष दान सिंह ने बताया कि संगठन ने विधान सभा अध्यक्ष रितु खंडूरी से मुलाकात कर ज्ञापन दिया। उन्होंने बताया कि शासन में वन पंचायतों को प्रधानों के अधीन लाने पर विचार कर रहा है। संगठन ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसे लागू नहीं करने की मांग की। उन्होंने बताया कि वन पंचायतों को वित्तीय कानूनी अधिकार देने के लिए प्रचलित नियमावली में संसोधन करने को कहा। संगठन ने सलाहकार परिषद के गठन में सरपंचों को रखने और प्रदेश परामर्शदात्री समिति में सरपंचों को रखे जाने की मांग की। इसके अलावा वन पंचायत प्रतिनिधियों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधान व सम्मानजनक मानदेय देने, वन पंचायतों के अधिकार क्षेत्र में ठेकेदारी व एनजीओ के हस्तक्षेप को समाप्त करने, बगैर वन पंचायत की एनओसी के कोई कार्य नहीं करने और साल 1980 में ग्रामीणों के हक हकूक में की गई कटौती को वापस करने की मांग की। बाद में संगठन ने प्रमुख वन संरक्षक से भी मुलाकात की। शिष्ट मंडल में निशा जोशी, बीना बिष्ट, कमलेश जीना, गणेश जोशी, प्रयाग सिंह, नंद किशोर, भीम सिंह, हेम चंद्र कपिल, सुरेंद्र सिंह, हिम्मत सिंह, त्रिभुवन सिंह, प्रेम कुमार, नयन सिंह, प्रकाश भट्ट, कुंदन सिंह, नरेश सिंह, जगदीश महर, विनोद सिंह आदि मौजूद रहे।

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